कोरबा. प्रशासनिक अफसर राजस्व संबंधी कामकाज में तेजी लाने लगातार दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं. इसके बावजूद खामियों में सुधार नहीं हो पा रहा. इसका जीता जागता उदाहरण उस वक्त सामने आया, जब एक ग्रामीण एसडीएम दफ्तर के मुख्यद्वार पर ही सो गया. वह अपनी जमीन की जानकारी भुईयां पोर्टल पर अपलोड नहीं होने से हताश था. इस समस्या का निराकरण अनुविभागीय अधिकारी से मिलकर कराने की जिद्द पर अड़ा था. हालांकि पुलिस और अफसरों की समझाइश के बाद वह शांत हुआ. तहसील कार्यालय में प्रतिदिन की तरह लोगों की आवाजाही चल रही थी. अधिकारी कर्मचारी अपने अपने काम में व्यस्त थे. इसी दौरान एसडीएम दफ्तर के सामने से निकल रहे कुछ लोगों की नजर मुख्यद्वार पर पड़ी, जहां एक युवक मुख्यद्वार के बीचोंबीच सोया हुआ था. उसके पास दस्तावेज की फाइल भी थी. पहले तो लोग तेज धूप और सफर से थकान के कारण ग्रामीण के जमीन पर सो जाने का कयास लगाते रहे, लेकिन उसके काफी देर तक एक ही स्थान में सोए रहने से लोगों की आशंका हुई. लोग अपने स्तर पर ग्रामीण को अन्यत्र सोने अथवा उठने मनाने का प्रयास करते रहे, लेकिन वह अनुविभागीय अधिकारी से मिलने की जिद्द पर अड़ा हुआ था.
फिर पुलिस ने किया ये काम
एसडीएम दफ्तर के मुख्यद्वार में ग्रामीण के सोने की खबर रामपुर पुलिस तक पहुंच गई. सिविल लाइन पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. पुलिस पर नजर पड़ते ही ग्रामीण उठ बैठा. जब ग्रामीण से चर्चा की गई, तो पता चला कि वह मूलतः जांजगीर चांपा जिले के जगदल्ला पारा चांपा निवासी संजय कुमार सोनवानी है. उसने वर्ष 2008 में बरीडीह में 10 डिसमिल जमीन की खरीदी की है. इसके सारे दस्तावेज उसके पास उपलब्ध हैं, लेकिन उसके नाम पर खसरा नंबर 1173 / 22 की जमीन भुईयां पोर्टल में अपलोड नहीं है. दरअसल ग्रामीण अपनी जमीन ऑन लाइन नहीं होने से परेशान था. इस समस्या का निराकरण अनुविभागीय अधिकारी से मिलकर कराना चाहता था. हालांकि ग्रामीण अफसरों की समझाइश के बाद शांत हुआ. इस घटना की चर्चा पूरे दिन तहसील कार्यालय परिसर में चलती रही.
.