Ranya Rao Gold Smuggling Case : सोना तस्करी के मामले में गिरफ्तार कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव (Ranya Rao Gold Smuggling Case) की जमानत याचिका को कर्नाटक की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की गंभीरता के आधार पर खारिज कर दिया है।
जस्टिस विश्वनाथ गौदर की अध्यक्षता वाली अदालत ने अभियोजन पक्ष की इस बात से सहमति जताई कि अभिनेत्री को न्यायिक हिरासत में रहना चाहिए।
रान्या (Ranya Rao Gold Smuggling Case) को 4 मार्च को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें पहले 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। वहीं, दूसरे आरोपी तरुण राजू को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा गया था।
बेंगलुरू के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रान्या राव को 3 मार्च को 12.56 करोड़ रुपये के सोने की छड़ों के साथ गिरफ्तार किया गया। इसके बाद, अधिकारियों ने उनकी संपत्तियों की जांच की, जिसमें 2.06 करोड़ रुपये के सोने के गहने और 2.67 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
रान्या (Ranya Rao Gold Smuggling Case) ने पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत की मांग की, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद, उन्होंने आर्थिक अपराधों के लिए विशेष अदालत का सहारा लिया, जहां शुक्रवार को उनका अनुरोध फिर से अस्वीकृत कर दिया गया।
इन घटनाओं के बाद, उनकी कानूनी टीम अब राहत के लिए सत्र न्यायालय में अपील करने की तैयारी कर रही है। जब तक उनकी जमानत याचिका पर कोई निर्णय नहीं होता, तब तक वह न्यायिक हिरासत में रहेंगी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।
रान्या राव ने अपने पति जतिन हुक्केरी के क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके बेंगलुरू से दुबई के लिए राउंड-ट्रिप टिकट खरीदी, जिससे सोने की तस्करी में उनकी संभावित संलिप्तता पर संदेह उत्पन्न हुआ है। इसके बाद, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने हुक्केरी से जुड़े मामलों की जांच शुरू की।
पिता ने की थी सहायता (Ranya Rao Gold Smuggling Case)
सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार रान्या राव (Ranya Rao Gold Smuggling Case) की मदद करने वाले प्रोटोकॉल अधिकारी ने कहा है कि कर्नाटक के डीजीपी रामचंद्र राव ने उन्हें समर्थन देने का निर्देश दिया था।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राव रान्या के सौतेले पिता हैं। ‘इंडिया टुडे’ के अनुसार, उन्होंने विशेष रूप से बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रान्या राव की सहायता करने का आदेश दिया था।
एयरपोर्ट के पुलिस स्टेशन में तैनात कांस्टेबल बसवराज ने बताया कि वह रामचंद्र राव के सीधे आदेशों का पालन कर रहा था। रान्या राव से जुड़े सोने की तस्करी के मामले में उनके सौतेले पिता और डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव की भूमिका की जांच के लिए कर्नाटक सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।
पूछताछ के दौरान, बसवराज ने कहा कि रान्या राव के साथ उसकी बातचीत उसके सीनियर्स द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल तक ही सीमित थी। कांस्टेबल ने स्वीकार किया कि वह पिछले कुछ वर्षों से रान्या राव को जानता है और उसने लगभग तीन से चार बार उसे प्रोटोकॉल सहायता प्रदान की है।
रामचंद्र राव वर्तमान में कर्नाटक राज्य पुलिस आवास एवं इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
एक सरकारी आदेश में उल्लेख किया गया है, “प्रोटोकॉल संबंधी सुविधाओं के उपयोग से संबंधित तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करने के लिए तथा इस मामले में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के राज्य के DGP और कर्नाटक राज्य पुलिस आवास एवं इंफ्रास्ट्रक्चर निगम के प्रबंध निदेशक रामचंद्र राव की भूमिका की समीक्षा के लिए एसीएस गौरव गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।”