Rain Exposed Corruption : बारिश ने खोली भ्रष्टाचार की पोल! 65 लाख से बना जलाशय 90 दिनों में ध्वस्त

Korba News : कोरबा जिले में भ्रष्टाचार (Rain Exposed Corruption) का नमूना देखना है तो कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है. यह नजारा आप ग्राम सोलवा में देख सकते हैं. जहां अधिकारियों और ठेकेदारों ने 65 लाख की लागत से जलाशय का निर्माण कराया था. यह जलाशय निर्माण कार्य पूर्ण होने के महज डेढ़ माह बाद 48 घंटे हुई बारिश से धस्त हो गया. पानी के तेज बहाव से नहर पूरी तरह टूटकर क्षतिग्रस्त हो गयी. वहीं बांध से जगह-जगह मिट्टी बह गई है. जिसे बचाने तिरपाल का सहारा लिया जा रहा है.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल स्रोतों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए अमृत सरोवर योजना शुरू की है. इस योजना के तहत जलाशय निर्माण सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं. कोरबा वन मंडल के वन परीक्षेत्र पसर खेत अंतर्गत ग्राम सोलवा में भी अमृत सरोवर योजना के नरवा विकास योजना अंतर्गत कैंपा मद से 65 लाख की स्वीकृति जलाशय निर्माण हेतु प्रदान की गई थी.
मई में हुआ था काम पूरा
वर्ष 2021-22 मई में स्वीकृत निर्माण कार्य को फरवरी 2023 में एक ठेकेदार के माध्यम से शुरू कराया गया. ठेकेदार ने यह काम मई 2023 में पूर्ण कर लिया. इस निर्माण कार्य में जमकर बंदरबांट किया गया. जिसकी पोल उस वक्त खुल गई जब लंबे इंतजार के बाद मंगलवार की रात से जिले में बारिश होने लगी. 48 घंटे तक रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण नदी नाले पूरी तरह से उफान पर आ गए. जिसमें ग्राम सोलवा का फूल सरिया नाले में बनाया गया जलाशय भी शामिल था. इस जलाशय में जलभराव को पानी निकासी के लिए बनाया गया नहर नहीं सह सका और पानी के तेज बहाव में नहर का पूरा स्ट्रक्चर ही बह गया. इधर जलाशय में काफी ऊंचाई तक मिट्टी डालकर बंड तैयार किया गया था. जिसमें जगह-जगह दरारे आ गई. कई स्थानों पर बंड पूरी तरह मिट्टी धसने के कारण कमजोर हो गया.
अधिकारियों में मचा हड़कंप
जैसे ही जलाशय के ध्वस्त (Rain Exposed Corruption) होने की खबर मिली अफसरों के होश उड़ गए. उन्होंने ठेकेदार के माध्यम से बांध को बचाने का प्रयास शुरू किया, इसके लिए बांध के उन स्थानों पर तिरपाल और रेत से भरी बोरियां रखी गई. जहां मिट्टी धसान के कारण बांध पूरी तरह से कमजोर हो गया है. खास बात तो यह है कि वन अफसर अपनी करतूत को छिपाने पूरे दिन जुटे रहे आखिरकार ठेकेदार से मिलीभगत कर निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही की पोल लगातार हुई बारिश ने खोल कर रख दी.