PM Modi statement on Muslims :’कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति मुसलमानों में बांट देगी’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की इस टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस समेत अन्य दलों ने उनके इस बयान की कड़ी आलोचना की है. वहीं, ‘संविधान बचाओ नागरिक अभियान’ तहत हजारों लोगों ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है.
शिकायत में कहा गया कि पीएम मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में जो बयान दिया वह चुनाव आयोग के नियमों का उल्लघंन है. चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक, ‘कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी कोई टिप्पणी नहीं कर सकता जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ाए या आपसी नफरत और विभिन्न जाति, समुदायों, धार्मिक या भाषाइयों के बीच तनाव पैदा करे.
बांसवाड़ा में क्या बोले थे पीएम मोदी : पीएम मोदी (PM Modi) ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर धन पुनर्वितरण सर्वेक्षण के वादे को लेकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा, ‘अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह देश की संपत्ति ‘घुसपैठियों’ और ‘ज्यादा बच्चे पैदा’ करने वालों में बांट देगी.’ पीएम मोदी ने कहा कि जब कांग्रेस सरकार थी तब कहा गया था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है, इसका मतलब है कि वे इस संपत्ति को इकट्ठा करेंगे और उन्हें बांट देंगे. क्या आप इसे स्वीकार करते हैं?’
क्या है चालीसा का विवाद : चुनाव आयोग को वतन के राह में संविधान बचाओ नागरिक समूह ने लिखा, ‘पीएम मोदी का यह बयान ‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में भारत के कद को गंभीर रूप से कमजोर करता है. प्रधानमंत्री का यह चुनावी भाषण आचार संहिता और आरपीए, 1951 का खुलेआम उल्लंघन है, जिसका उद्देश्य न केवल ‘सांप्रदायिक भावनाओं’ को भड़काना था, बल्कि नफरत को बढ़ावा देना भी था.
17 हजार से ज्यादा लोगों ने की शिकायत : इस पत्र में 17,421 से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. संविधान बचाओ नागरिक अभियान के पत्र में आरोप लगाया गया कि पीएम मोदी ने मुसलमानों को एक ऐसा धर्म माना है जो अधिक बच्चे पैदा करता है और घुसपैठिया है. मोदी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र के आधार बनाकर झूठ बोला है. जबकि कांग्रेस के चुनावी घोषणा में कहीं नहीं लिखा कि वह हिंदू महिलाओं के सोने के बारे में जानकारी एकत्रित करेगी और मुसलमानों को बांटेगी. चुनाव आयोग से अपील की है कि वह पीएम मोदी के इस भाषण में किए गए शब्दों पर गौर करें और उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए.