Thursday, November 21, 2024

Piyush Goyal : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने छत्तीसगढ़ सरकार की खोली पोल!

रायपुर। केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal ) ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की धान खरीदी और केंद्रीय पूल में चावल घटाने के आरोपों की पोल खोल कर रख दी है। दरअसल, बीते दिनों छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि- केंद्रीय खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग की खाद्य सचिवों की बैठक 21 अगस्त 2023 को हुई। जिसकी कार्रवाई विवरण 28 अगस्त 2023 को जारी हुई। इसमें राज्य में धान के खरीदी के अनुमान 130 लाख टन के अनुसार बनने वाले परिणामी चावल की 86.5 लाख टन मात्रा को घटाते हुए 61 लाख टन कर दिया गया है। इसके अलावा जूट पैकेजिंग की छठवीं आपूर्ति योजना छह सितंबर 2023 द्वारा केंद्रीय पूल में चावल खरीदी के लिए आवश्यक नये जूट बारदानों की आपूर्ति मात्रा को कम करते हुए 3.56 लाख गठान के स्थान पर 2.45 लाख गठान किया गया है।

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मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में खाद्य सचिवों की बैठक में हुई चर्चा का उल्लेख किया। इसके मुताबिक बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में राज्य शासन द्वारा धान खरीदी की सीमा 20 क्विंटल प्रति एकड़ किए जाने का उल्लेख किया था जो कि विगत कई वर्षाे से खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 से 15 क्विंटल प्रति एकड निर्धारित थी। केंद्रीय पूल में 86 लाख टन चावल खरीदी के लक्ष्य को यथावत रखे जाने का अनुरोध किया गया था।

अब दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़ पहुंचे केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने मुख्यमंत्री के इन दावों की पोल खोल दी है। रायपुर के एक निजी होटल में पत्रकारवार्ता में केंद्रीय मंत्री गोयल ने अफसरों के सामने ही दस्तावेज दिखाकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में धान खरीद को लेकर बघेल झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार 2022-23 के लिए अपना पूरा कोटा जमा करने में असफल रही है।

सरकार इसके बावजूद केंद्रीय पूल के तहत भारतीय खाद्य निगम को 2023-24 के लिए चावल का कोटा बढ़ाने की मांग कर रही थी। गोयल ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि हाल ही में उन्हें लिखे एक पत्र में सीएम बघेल ने 2023-24 में राज्य द्वारा केंद्रीय पूल के तहत जमा चावल का कोटा 61 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) से बढ़ाकर 86.50 लाख मीट्रिक टन करने की मांग की। 2022-23 में राज्य सरकार को योजना के तहत एफसीआई को 61 एलएमटी चावल जमा करना चाहिए था, लेकिन अब तक केवल 53 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति की है, जबकि चावल जमा करने की समय सीमा 30 सितंबर है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ सरकार पिछले वर्ष के लिए आवंटित चावल का पूरा कोटा एफसीआई के पास जमा नहीं कर पाई है, तो इस वर्ष कोटा बढ़ाने के लिए कैसे कह रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने पिछले खरीफ मार्केटिंग सीजन में राज्य में किसानों से 138 एलएमटी धान खरीदने का अनुमान लगाया था, लेकिन 107 एलएमटी धान खरीदा गया था। पीयूष गोयल ने कहा, इस साल अनुमान 136 एलएमटी का है, जो पिछले साल की अनुमानित मात्रा से कम है।

श्री गोयल (Piyush Goyal) ने कहा, मुख्यमंत्री ने इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से धान खरीद की सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी है, लेकिन छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग की वेबसाइट पर आधिकारिक डेटा सिर्फ औसत उत्पादन राज्य में प्रति एकड़ 13 क्विंटल दिखाता है। गोयल ने आरोप लगाया कि चावल का कोटा 86 एलएमटी तक बढ़ाने की राज्य की मांग गलत काम का संदेह पैदा करती है और ऐसा लगता है कि बघेल सरकार आसपास के क्षेत्रों (पड़ोसी राज्यों) से चावल का निपटान करने और भ्रष्टाचार करने की कोशिश कर रही है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धान खरीद पर केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) में पहले से ही यह प्रावधान है कि राज्य चावल का सरप्लस स्टॉक एफसीआई को सौंप सकता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य से 100 एलएमटी चावल भी लेने के लिए तैयार है, लेकिन राज्य सरकार को पहले चावल का अपना लंबित कोटा एफसीआई को जमा करना चाहिए। उन्होंने बताया कि केंद्रीय खाद्य विभाग ने इस साल मई में राज्य में उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण किया था और 65,701 एलएमटी चावल के स्टॉक में अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद 208 एफपीएस रद्द कर दिए गए, 285 एफपीएस निलंबित कर दिए गए और 22 एफआईआर दर्ज की गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की किसान समर्थक पहलों पर प्रकाश डालते हुए, गोयल ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 800 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

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