Friday, November 22, 2024

Opposition Meeting : बीजेपी के खिलाफ बेंगलुरु में दिखेगा विपक्ष का दम, बनेगी मिशन 2024 की रणनीति!

नई दिल्ली। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दल (Opposition Meeting) अपनी ताकत दिखाने वाले हैं। विपक्षी दलों की दूसरी बैठक सोमवार-मंगलवार (17-18 जुलाई) को बेंगलुरू में होने वाली है। बता दें पहली बैठक नीतिश कुमार के नेतृत्व में पटना में की गई थी। लेकिन इस बार मीटिंग की अगुवाई कांग्रेस करने वाली है। सूत्रों की मानें तो इस बार होने वाली विपक्षी एकता बैठक में करीब 25 पार्टियों के नेता शामिल हो सकते हैं। 23 जून को हुई पहली विपक्षी एकता मीटिंग में 15 दलों के नेता शामिल हुए थे। विपक्षी दलों की पहली मीटिंग में ही बताया गया था कि दूसरी मीटिंग शिमला में की जाएगी। बता दें अब खराब मौसम और भारी बारिश के चलते यह मीटिंग शिमला कि जगह बेंगलुरू में आयोजित की जा रही है।

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नए दलों को जोड़ा जाएगा :  सूत्रों की मानें तो विपक्षी एकता (Opposition Meeting) गठबंधन का प्रयास है कि मीटिंग में अधिक से अधिक दलों की उपस्थिति हो सके। अन्य दलों को भी इस मीटिंग में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में सोमवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद रह सकती हैं। बता दें इससे पहले कांग्रेस ने सूची में 8 दलों को भी जोड़ा था। जिसमें केरल कांग्रेस (जोसेफ),केरल कांग्रेस (मणि), मुस्लिम लीग, एमडीएमके, केडीएमके, वीसीके, फॉरवर्ड ब्लॉक और आरएसपी शामिल हैं।

पटना में शामिल कौन-कौन से दल हुए थे शामिल :  विपक्षी एकता गठबंधन की पहली मीटिंग (Opposition Meeting) में जेडीयू, कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी,टीएमसी, आरजेडी, एनसीपी,सीपीआई (एम), सीपीआई, सीपीआई-एमएल (एल), समाजवादी पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, शिवसेना (यूबीटी) और जेएमएम शामिल हुई थीं। पहली मीटिंग में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल विपक्षी एकता की प्रेस कॉन्फ्रेस में शामिल नहीं हुए थे। इस मीटिंग में आम आदमी पार्टी का क्या रूख रहेगा यह मीटिंग के बाद ही पता चल पाएगा।

गठबंधन की दिखेगी ताकत : माना जा रहा है कि इस मीटिग (Opposition Meeting) में विपक्षी एकता गठबंधन की ताकत दिखाई देगी। इस मीटिंग में ही लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। मीटिंग में कई मुद्दे पर बात की जा सकती है लेकिन देखना दिलचस्प होगा की बैठक में शामिल सभी दलों में एकराय बन पाएगी या नहीं।

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