Chhattisgarh Naxalite Encounter : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद (Naxal Jairam Pratap Reddy) जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। सोमवार रात हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने एक करोड़ रुपये के इनामी माओवादी प्रताप रेड्डी (Naxal Jairam Pratap Reddy) और नक्सली सेंट्रल कमेटी सदस्य जयराम उर्फ चलपति को मार गिराया। यह कार्रवाई गरियाबंद के कुल्हाड़ीघाट-भालूडीग्गी के जंगलों में चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान के तहत हुई।
मारे गए नक्सलियों में 61 वर्षीय जयराम उर्फ चलपति (Naxal Jairam Pratap Reddy) का नाम भी शामिल है, जो नक्सली सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। यह ओडिशा राज्य कमेटी का सक्रिय नेता था और नक्सल गतिविधियों की रणनीति बनाने व अभियानों का नेतृत्व करता था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, जयराम हमेशा AK-47 से लैस रहता था।
जयराम मूल रूप से चिंतूर, आंध्र प्रदेश का निवासी था। वह छत्तीसगढ़ में प्रताप रेड्डी के नाम से और ओडिशा में चलपति के नाम से जाना जाता था। जयराम को शुगर और हाई ब्लड प्रेशर (VP) की बीमारी थी, और वह लाठी के सहारे चलता था। उसने जनवरी 2021 में ओडिशा से छत्तीसगढ़ आकर नक्सली गतिविधियों को संचालित करना शुरू किया था।
निजी सुरक्षा गार्डों से घिरा रहता था जयराम (Naxal Jairam Pratap Reddy)
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, जयराम की सुरक्षा में नौ निजी गार्ड हमेशा तैनात रहते थे, जिनमें चार पुरुष और पांच महिलाएं शामिल थीं। इन महिला गार्डों में अमीला, छोटी, नानी उर्फ दीपना और रीना जैसे नाम सामने आए हैं। ये सभी बस्तर क्षेत्र की निवासी थीं और हमेशा AK-47 लेकर चलती थीं।
तकनीकी उपकरणों से लैस था जयराम (Naxal Jairam Pratap Reddy)
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, जयराम मोबाइल, रेडियो और टैबलेट अपने पास रखता था। उसकी सुरक्षा में मौजूद महिला गार्ड ACS (एरिया कमांड सिस्टम) पद पर कार्यरत थीं। नानी उर्फ दीपना के पास वॉकी-टॉकी था, जबकि गार्ड सुखराम के पास स्कैनर था, जिससे सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती थी।
जानकारों के मुताबिक, सेंट्रल कमेटी सदस्य का मारा जाना नक्सल ऑपरेशन की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है। जयराम उर्फ चलपति ने नक्सली संगठनों के लिए रणनीति तैयार करने और अभियानों का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसकी मौत से नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है।