Wednesday, October 16, 2024

Mobile : अब मोबाइल देखने के टाइम पर पाबंदी, इस देश में तय होंगे मोबाइल देखने का समय

China News : आज के समय में फोन (Mobile) की लत बड़ों से ज्यादा छोटे बच्चों को लग चुकी है। छोटे बच्चे खाना खाने के लिए पहले फोन देखने का डिमांड करते हैं। अधिक मोबाइल (Mobile) देखने की वजह से कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए पड़ोसी देश चीन जल्द ही कड़ा नियम बना सकता है। बच्चों को फोन न देखने देने के लिए चीन की साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना ने चीनी सरकार के पास लिमिट तय करने की सिफारिश की है। अगर सरकार परमिशन दे देती है तो चाइना में बच्चे मनचाहे समय तक मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकते हैं। साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने चीनी सरकार को स्वास्थ्य और वक्त की बर्बादी का हवाला देते हुए कड़ा कानून बनाने की मांग की है।

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इस सिफारिश की वजह से चीन की टेक कंपनियों पर सीधा असर पड़ा है। जानकारों का कहना है कि, इसमें कोई दोराय नहीं है कि, मोबाइल के उपयोग से वक्त और स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ रहा है चाहे वो बच्चे हो या किसी वर्ग के लोग, सब पर इसका असर पड़ रहा है। लेकिन अगर चीन में इस तरह का कोई कानून भविष्य में आता है तो इसका खामियाजा टेक कंपनियों को भुगतना पड़ सकता है।

उम्र के हिसाब से फोन का होगा इस्तेमाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना की सिफारिश के बाद से ही चीनी टेक कंपनियों के शेयर लुढ़कने लगे हैं। एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, बच्चों और किशोरों के पास रात 10 बजे सुबह 6 बजे तक फोन नहीं रहना चाहिए और उनके लिए दो घंटे का समय निर्धारित होना चाहिए जिसमें वो मोबाइल का उपयोग कर सकते हैं। सिफारिश में कहा गया है कि 16 से 18 साल के युवाओं को दो घंटे से ज्यादा फोन चलाने की परमिशन न हो। जबकि 8 से 16 साल के बच्चों को एक घंटे और उससे छोटे बच्चों को 8 मिनट मोबाइल चलाने की परमिशन हो।

कानून आने से पहले टेंशन में टेक कंपनियां

एडमिनिस्ट्रेशन ने चीनी सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि, यह जिम्मेदारी बच्चों के परिवार वालों और टेक कंपनियों पर होगी। वो ये सुनिश्चित करेंगे कि उनका बच्चा और कंज्यूमर ज्यादा देर तक फोन (Mobile) पर टाइम तो नहीं बिता रहा है। एडमिनिस्ट्रेशन की सिफारिश की वजह से चीन की टेक कंपनियों के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सिफारिश 2 सितंबर को सार्वजनिक की जाएगी लेकिन उसके ठीक पहले चीन के बाजार में हलचल तेज हो गई है।

मोबाइल टाइम तय करने वाला पहला देश होगा चीन

इस पूरे मामले पर जानकारों का कहना है कि, इस कानून की वजह से टेक कंपनियों को भारी नुकसान होगा। टेक कंपनियों का कहना है कि, इस काम को सफल बनाने के लिए बहुत सारे धन खर्च करने होंगे तब जाकर इसमें सफलता मिलने की उम्मीद है। खबरें ये भी हैं कि, अगर नियम को नहीं माना गया तो सजा का भी प्रावधान होगा। इससे पहले भी चीन, बच्चों के फोन (Mobile) इस्तेमाल करने को लेकर चिंता जता चुका है। चीन ही नहीं भारत, अमेरिका, यूरोपीय देश में भी मोबाइल के बढ़ते प्रचलन ने स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। अगर चीन फोन इस्तेमाल को लेकर कोई नियम बनाता है तो वो ऐसा करने वाला पहला देश होगा।

 

 

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