Friday, November 22, 2024

Mnrega : मनरेगा में 20 से 25 प्रतिशत काम कराकर 70 प्रतिशत ले लिया भुगतान!

Ramanujganj News : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों में व्यापक स्तर में अनियमित बरती जारी है। मजदूरों की जगह मशीन से काम कराया जा रहा है। इसकी लगातार शिकायतें आ रही है। ग्राम लावा मिट्टी बांध मनरेगा के तहत करीब 18 लाख रुपए लागत से निर्माण कराया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 20 से 25% कार्य हुआ है, परंतु फर्जी मस्टर रोल बनाकर 70% भुगतान निकाल किया गया है। इसे लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। इसे लेकर आज शिकायत करने भी कलेक्टर के पास पहुंचे।

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ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा के तहत करीब 18 लाख रुपए लागत से मिट्टी बांध कुड़वा में निर्माण किया जा रहा है। कार्य मे बरती जा रही अनियमितता को लेकर शुरू से लोग विरोध करते आ रहे हैं। परंतु उसके बाद भी कर में व्यापक अनियमितता बरती गई, कार्य भी मशीन से कराया जा रहा है। यहां तक की 20 से 25% कार्य हुआ है परंतु 70% राशि निकाल ली गई है। प्रत्येक सप्ताह करीब 1 लाख रुपए फर्जी रूप से मजदूरों के नाम से निकाल गए।

ग्रामीणों ने बताया कि जहां फर्जी रूप से प्रत्येक सप्ताह राशि मजदूरों के नाम से निकल गई। वहीं दिखाने के लिए 8-10 मजदूरों को कभी कभार लगाया जा रहा था। मनरेगा के अंतर्गत रामचंद्रपुर विकासखंड में चल रहे विभिन्न कार्यों में फर्जी मजदूरों के नाम से मजदूरी निकालने की लगातार शिकायतें आ रही है परंतु अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने के कारण फर्जी मजदूर के नाम से राशि आधारित करने का सिलसिला नहीं रुक रहा है। कलेक्टर से शिकायत करने के दौरान देव कुमार सिंह, देवराज जगते,पंच सूरजवंती, फूलवती लक्ष्मी सिंह, देव शरण जगते, देव शंकर आयाम, शिव शंकर आयाम रमाकांत,ललन जगते, देवधारी अवधेश सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

तकनीकी सहायक की संदिग्ध भूमिका : फर्जीवाड़ा करने के लिए पंचायत के सरपंच सचिव रोजगार सहायक के साथ-साथ सबसे बड़ी भूमिका तकनीकी सहायक की है। जिनके द्वारा कार्य का मूल्यांकन किया जाता है यदि कार्य 20 से 25% हुआ ही है तो 70% भुगतान कैसे हो गया।

11 लाख 50 हजार रुपय का हुआ आहरण : मनरेगा के तहत हुए मिट्टी बांध के निर्माण में ग्रामीणों ने बताया कि मुश्किल से 5 लख रुपए का भी कार्य नहीं हुआ है परंतु 11 लाख ₹50000 का आहरण हो चुका है जब ग्रामीणों ने आवाज उठाना शुरू किया व जनता के बीच भ्रष्टाचार उजागर हुआ तो आनन फानन में जेसीबी मशीन से कार्य कराया जाने लगा।

मनरेगा अधिकारी पहुंचे मौके पर : मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर अब गांव-गांव में जागरूकता आ रही है अब इसकी शिकायत लोग जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत तक भी करने लगे हैं लावा के भी मामले में जब जिला पंचायत तक बात पहुंची तो जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर मनरेगा अधिकारी मौके पर पहुंचे कर जांच किया। मनरेगा के तकनीकी सहायक विपिन शाह ने बताया कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है कल ही साइड विजिट करने गया था।

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