Bilaspur News : शासन की महत्वाकांक्षी योजना (MGNREGA Performance) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत बिलासपुर जिले ने एक बार फिर अपनी कार्यक्षमता और सजगता का परिचय देते हुए प्रदेश भर में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 10 सितम्बर 2025 तक जिले में कुल 27 लाख 67 हजार 874 मानव दिवस का सृजन किया गया है। यह आंकड़ा प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक है और जिले को राज्य स्तर पर प्रथम स्थान हासिल हुआ है। (Employment Generation)
बिलासपुर जिले की कुल 486 ग्राम पंचायतों में संचालित विभिन्न कार्यों के तहत 77 हजार 938 पंजीकृत परिवारों के लगभग 1 लाख 27 हजार 337 श्रमिकों को उनकी मांग के अनुरूप स्थानीय स्तर पर कार्य मुहैया कराया गया। यह कार्य न केवल रोज़गार उपलब्ध कराने का माध्यम बना, बल्कि ग्रामीण इलाकों में स्थायी संसाधन निर्माण की दिशा में भी मददगार साबित हुआ। (Rural Development)
मनरेगा (MGNREGA Performance) के माध्यम से इन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिन कार्यों को प्राथमिकता दी गई, उनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास निर्माण, नवीन तालाब निर्माण, पुराने तालाबों का गहरीकरण, डबरी निर्माण, रिचार्ज पिट, चेकडेम निर्माण, वृक्षारोपण, नर्सरी विकास और आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण भी हो रहा है।
अब तक इस योजना के तहत 66.18 करोड़ रुपये का मजदूरी भुगतान किया जा चुका है, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक सुधार हुआ है। यह राशि सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में अंतरित की गई है, जिससे पारदर्शिता बनी हुई है। (Wage Payment)
जानें अन्य जिलों का हाल (MGNREGA Performance)
प्रदेश के अन्य जिलों में भी अच्छा प्रदर्शन देखा गया है, जैसे कि कोरबा जिले में 25.07 लाख, कवर्धा में 23.71 लाख, रायपुर में 23.55 लाख, मुंगेली में 23.33 लाख, सक्ती में 22.84 लाख, बलरामपुर में 21.73 लाख, राजनांदगांव में 21.72 लाख, जशपुर में 20.01 लाख और बालोद जिले में 19.84 लाख मानव दिवस का सृजन हुआ है।
मनरेगा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन न केवल रोजगार सृजन (MGNREGA Performance) बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में भी एक निर्णायक कदम साबित हो रहा है। यह योजना ग्रामीण भारत में आत्मनिर्भरता और समावेशी विकास के मार्ग को प्रशस्त कर रही है।
