Manipur President Rule : बीजेपी शासित इस राज्य में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन

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Manipur President Rule
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Manipur News : मणिपुर (Manipur President Rule) में बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जारी हिंसा के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

बीते रविवार को बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर अपने पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद से नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए बीजेपी नेताओं की बैठकें शुरू हो गई थीं। मणिपुर (Manipur President Rule) प्रभारी संबित पात्रा बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर रहे थे। लेकिन अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है।

संविधान के अनुच्छेद 174(1) के तहत, राज्य विधानसभाओं को अपनी अंतिम बैठक के छह महीने के भीतर पुनः बुलाना आवश्यक है। मणिपुर में पिछला विधानसभा सत्र 12 अगस्त 2024 को आयोजित किया गया था। हालाँकि, बुधवार को विधानसभा सत्र बुलाने की समय सीमा समाप्त हो गई।

राज्यपाल अजय भल्ला ने रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद सोमवार से शुरू होने वाले बजट सत्र को स्थगित कर दिया।

बीरेन सिंह ने अपनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और महत्वपूर्ण फ्लोर टेस्ट का सामना करने से ठीक एक दिन पहले अपने पद से इस्तीफा दिया, जिससे राजनीतिक टकराव की संभावना टल गई।

उनका इस्तीफा मई 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के लगभग दो साल बाद और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच आया, जो लगातार उन्हें हटाने की मांग कर रहा था।

कांग्रेस ने उठाए ये सवाल Manipur President Rule 

कांग्रेस ने सोमवार को यह आरोप लगाया कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का इस्तीफा विधानसभा में कांग्रेस के प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव से पहले भाजपा को बचाने के लिए था, न कि मणिपुर के लोगों के हित में, जबकि पिछले लगभग दो वर्षों से जातीय हिंसा जारी है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस निर्णय को बहुत देर से लिया गया बताया, जबकि लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा के पास पूर्वोत्तर राज्य में शांति स्थापित करने का कोई ठोस योजना नहीं है।

ऑडियो क्लिप लीक हुई Manipur President Rule 

मणिपुर (Manipur President Rule) के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मणिपुर हिंसा में उनकी कथित भूमिका से संबंधित लीक हुए ऑडियो क्लिप की जांच के आदेश के कुछ दिनों बाद इस्तीफे का निर्णय लिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ऑडियो क्लिप में बीरेन सिंह यह सुझाव देते हुए सुने गए कि मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान मैतेई समूहों को राज्य सरकार से हथियार और गोला-बारूद लूटने की अनुमति दी गई थी।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक सीलबंद फोरेंसिक रिपोर्ट की मांग की थी, जिसके बाद राजनीतिक दबाव और कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का इस्तीफा यह दर्शाता है कि बढ़ते जन दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव ने सरकार को जवाबदेह बनने के लिए मजबूर किया।

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