Mahasamund News : छग के महासमुंद ( Mahasamund) में राजस्व विभाग की समस्याओं के समाधान के लिए 50 से 60 प्रभावित परिवार के लोग बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा और प्रभारी मंत्री दयाल दास बघेल से मिलने और अपनी समस्याएं बताने के लिए राजधानी रायपुर जा रहे थे। लेकिन उन्हें खरोरा मणिकंचन केंद्र के पास पुलिसकर्मियों ने बलपूर्वक रोक दिया।
सूचना दी गई कि वाहन की जांच की जाएगी। इस बीच, वाहन के आगे चल रहे भाजपा नेता नदी चौक ( Mahasamund) पहुंच चुके थे। अन्य वाहनों को रोकने की सूचना मिलने पर वे वापस लौट आए।
जब टीआई से रोकने का कारण पूछा गया, तो वे कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे सके। इसी दौरान, डॉ. विमल चोपड़ा के समर्थकों को इस घटना की जानकारी मिल गई और कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए।
उन्होंने पुलिस से कहा कि यदि वे कोई नियम का उल्लंघन कर रहे हैं, तो उन्हें गिरफ्तार कर लें और जेल भेज दें। साथ ही, उन्होंने यह भी पूछा कि रास्ता क्यों रोका गया और किसके निर्देश पर ऐसा किया गया।
इस घटनाक्रम के कारण एनएच 353 पर आधे घंटे तक जाम लगा रहा, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
इस दौरान, सायरन बजाते हुए पांच वाहनों का काफिला रोज की तरह डिप्टी कलेक्टर आशीष कर्मा रायपुर से महासमुंद कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ा। पुलिस ने उन्हें देखकर रास्ता साफ किया, लेकिन इस पर विरोध शुरू हो गया। डॉ. विमल के समर्थकों ने सवाल उठाया कि आम लोगों को क्यों रोका जा रहा है।
डिप्टी कलेक्टर के अंगरक्षकों ने समर्थकों को रास्ता छोड़ने के लिए धमकाया, जिससे समर्थक नाराज हो गए और वाहन के सामने सड़क पर लेट गए। इसके बाद, डिप्टी कलेक्टर का काफिला वापस लौट गया और साराडीह बरोंडा मार्ग से कलेक्ट्रेट पहुंचा।
इस विरोध के बाद पुलिस ने डॉ. चोपड़ा ( Mahasamund) और उनके समर्थकों को रायपुर जाने की अनुमति दी। यह पूरी घटना बुधवार सुबह 10 से 11 बजे के बीच हुई।
डॉ. विमल ने बताया कि बुधवार सुबह पुलिस प्रशासन ने ग्राम बरोंडा बाजार के लगभग 35 पीड़ित लोगों को बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर लिया, ताकि वे रायपुर न जा सकें और अपनी समस्याओं को मंत्री तक न पहुंचा सकें।
पुलिस बल द्वारा रास्ता रोकने के पश्चात पूर्व विधायक एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डा विमल चोपड़ा वहां पहुंचे। जहां तीखी बहस के बीच लगभग एक घंटे बाद पीड़ित लोगों को आगे जाने दिया गया परंतु ग्राम बरोंडा बाजार के 35 पीड़ित लोगों को गिरफ्तार कर कहा रखा गया है, इसकी जानकारी तक नहीं दी गई।
जिस पर डा. चोपड़ा ( Mahasamund) ने कहा कि प्रशासन आम आदमी को अपना काम करने से रोक रही है, जनता के कार्यों में अड़ंगा डाल रही है और अगर पीड़ित व्यक्ति अपनी समस्याओं को मंत्री के समक्ष अवगत कराने की बात करता है तो उसमें भी प्रशासन को तकलीफ हो रही है और पुलिस बल लगाकर जान बूझकर योजना बनाकर पीड़ित लोग मंत्री से न मिले इसके लिए रोका जा रहा है।
डा. विमल चोपड़ा ( Mahasamund) ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर इस प्रकार की लापरवाही और जनता को जनप्रतिनिधियों से मिलने से रोका गया तो इन अधिकारियों की मनमानी, प्रशासन की अनियमितता, भर्राशाही, व भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री के समक्ष करेंगे और इसकी जांच करवाते हुए समस्त दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।
इधर पुलिस के हटने के पश्चात पीड़ित लोग रायपुर पहुंचे जहां सभी पीड़ित लोगों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव से भेंट की और लोगों के वर्षों पुराने लंबित प्रकरणों के निराकरण न होने और प्रशासन द्वारा नेताओं से न मिलने हेतु रोकने की बात अवगत कराई गई।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने लोगों के वर्षों पुराने प्रकरणों के निराकरण न होने पर आश्चर्य प्रकट किया और पीड़ित लोगों से बात कर समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की और जानकारी ली.
जिसके पश्चात उन्होंने महासमुंद (Mahasamund) एसपी. और अन्य सभी अधिकारियों को फोन पर फटकार लगाते हुए कहा कि इस प्रकार जनप्रतिनिधि डा. चोपड़ा और लोगों को नेताओं से मिलने पर रोकना उचित कार्य नहीं है। इस तरह की लापरवाही से प्रशासन और शासन दोनों की छवि खराब होती है।
कलेक्टर ने नहीं उठाया किरणदेव का फोन ( Mahasamund)
बताया गया कि किरण सिंह देव ने महासमुंद ( Mahasamund) कलेक्टर को दो से तीन बार फोन लगाया, फिर भी उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया और ना ही कोई प्रति उत्तर दिया।
इसके पश्चात उन्होंने मुख्यमंत्री के सचिव को फोन लगाकर पीड़ितों की समस्याओं के निराकरण की बात कही और कलेक्टर के फोन ना रिसीव करने पर नाराजगी जताई।
पीड़ित लोगों को आश्वस्त किया कि आज वे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ बिलासपुर प्रवास पर जाएंगे, जहां उनके साथ किसानों की सभी समस्याओं और उनके निराकरण की आवश्यक रूप से चर्चा करेंगे।
पीड़ितों ने राजस्व मंत्री से उनके शासकीय निवास कार्यालय पर जाकर भेंट की। चर्चा कर बताया कि किस प्रकार लोगों के छोटे-छोटे राजस्व के प्रकरण वर्षों तक लटकाए जा रहे हैं।