घर-घर में शुरू हुई गणेश चतुर्थी की तैयारी, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और भोग रेसिपी

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अनूप पासवान/कोरबा.  हिंदू धर्म शास्त्रों में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्त्व बताया गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इस अवसर पर लोग गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करते हैं, और दस दिनों तक बहुत धूमधाम से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. दसवें दिन अनंत चतुर्दशी पर गणपति की मूर्तियों का विसर्जन हो जाता है.

इस वर्ष चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सितंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 9 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 सितंबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर होगा. उदया तिथि के आधार पर गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी. गणेश प्रतिमा की स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 01 बजकर 15 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में है.

भगवान गणेश को 21 लड्डू, 21 दूबी पत्र चढ़ाएं
ज्योतिषआचार्य पंडित अमरनाथ द्विवेदी ने बताया कि भगवान गणेश सभी का मंगल करने वाले देवता है, जो देवों में सर्वप्रथम पूजनीय है. इस गणेश चतुर्थी भक्ति सच्चे मन से भक्ति और विधि विधान से पूजन करेंगे, तो उनकी सभी मन्नत पूरी होगी. भगवान गणेश को लड्डू और दूब पत्र प्रिय है. इस चतुर्थी भगवान गणेश को 21 लड्डू और 21 दूबी पत्र चढ़ाएं. सर्वप्रथम भगवान गणेश को 21 लड्डू का भोग लगाए, फिर 21 दूब पत्र ले कर दो-दो की जोड़ी में भगवान गणेश की सुंदर नाम से उन्हें चढ़ाना चाहिए.

बता दें कि गणेशोत्सव भारत के कई राज्यों में भव्यता के साथ मनाया जाता है. लोग इस दिन गणेश जी की मूर्तियों को घर पर भी लाते हैं और 10 दिनों तक पूजा करते हैं. वे उस स्थान को रोशनी और फूलों से सजाते हैं और अपने प्रिय देवता को अच्छे कपड़े, फूलों के आभूषण और बहुत कुछ पहनाते हैं.

Tags: Ganesh Chaturthi, Ganesh Chaturthi Celebrations

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