Sarangarh News : सारंगढ़-बिलाईगढ़ कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति सह विभागीय समीक्षा बैठक हुई। इसमें स्वास्थ्य विभाग (Hospital Management Review) की योजनाओं और अधूरे कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सीईओ इंद्रजीत बर्मन, सीएमएचओ डॉ. एफ.आर. निराला, कृष्ण कुमार गोस्वामी, सुधा चौधरी, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी सहित विभाग के नोडल अधिकारी, सीजीएमसी सब इंजीनियर सुरेंद्र चंद्रा और योगेश पटेल मौजूद थे।
बैठक में जब कलेक्टर ने निर्माण कार्यों की प्रगति जानी तो उन्हें पता चला कि अस्पताल निर्माण में लगातार देरी हो रही है। कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठे। इस पर उन्होंने सीजीएमसी इंजीनियरों को फटकार लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि (Hospital Management Review) में समयसीमा और गुणवत्ता दोनों का पालन अनिवार्य है।
प्रसव और स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस
कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले के अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव सुविधा को बेहतर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हर महीने कम से कम 30 प्रसव, प्राथमिक केंद्रों में 10 और उप स्वास्थ्य केंद्रों में 3 प्रसव जरूर होने चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु दर घटाने के लिए गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच अनिवार्य है। हर हाईरिस्क गर्भवती का रिकॉर्ड बीएमओ के पास होना चाहिए। फील्ड स्टाफ को इसकी सतत निगरानी करनी होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि (Hospital Management Review) के दौरान कोई भी लापरवाही मिली तो कड़ी कार्रवाई होगी।
“स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान
17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक जिले में चल रहे “स्वस्थ नारी सशक्त परिवार” अभियान पर भी समीक्षा हुई। कलेक्टर ने कहा कि हर आयुष्मान आरोग्य मंदिर में जांच शिविर आयोजित कर गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और महिलाओं की बीपी, शुगर, कैंसर और सिकलसेल की जांच की जाए।
उन्होंने महिला वर्ग को विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। साथ ही शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और आदिवासी विभाग को मिलकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच, हिमोग्लोबिन टेस्ट और पोषण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से चलाने के आदेश दिए। कलेक्टर ने कहा कि (Hospital Management Review) से यह साफ दिखना चाहिए कि योजनाएं धरातल पर प्रभावी रूप से लागू हो रही हैं।
निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक पर निगरानी
कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने जिले में संचालित सभी निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक की जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोनोग्राफी सेंटर और नर्सिंग होम एक्ट के मानकों के आधार पर ही पंजीयन होगा। समय-समय पर टीम द्वारा निरीक्षण अनिवार्य होगा।
आयुष्मान कार्ड से फर्जी मरीज दिखाकर बिल क्लेम करने की शिकायतों पर भी उन्होंने सख्ती दिखाई। कहा गया कि (Hospital Management Review) में आयुष्मान ब्लॉकिंग की निगरानी और कार्रवाई कड़ाई से की जाए।
कलेक्टर की सख्त चेतावनी
कलेक्टर ने अधिकारियों को साफ शब्दों में कहा कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की खराब व्यवस्था से आम नागरिकों का विश्वास टूटता है। हर अधिकारी और कर्मचारी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल, डॉ. आर.एल. सिदार, डॉ. सुरेश खूंटे, डॉ. अवधेश पाणिग्राही, डॉ. रामजी शर्मा, डॉ. रितेश सेन, डॉ. भूषण खुटे, डॉ. यशवंत, डॉ. शशि कुमार जायसवाल, डॉ. बी.पी. साय, डॉ. रूपेंद्र साहू, एन.एल. इजारदार सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे।
कलेक्टर ने अंत में कहा कि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी दोहराया कि (Hospital Management Review) केवल फाइलों तक सीमित न रहे, बल्कि इसका असर ज़मीनी स्तर पर दिखना चाहिए।
