Friday, November 22, 2024

Exit Poll 2023 : काउंटिंग से पहले ही कैसे नतीजों का लगता है सटीक अनुमान? जानें- कैसे होते हैं एग्जिट पोल

CG Exit Poll 2023 : छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार (Exit Poll 2023) की फिर ताजपोशी होगी या फिर बीजेपी वापसी करेगी। वहीं मध्य प्रदेश में शिवराज फिर आएंगे या कांग्रेस वापसी करेगी? राजस्थान में क्या कांग्रेस सरकार बचाने में कामयाब होगी? तेलंगाना में क्या इस बार कुछ बदलेगा? और मिजोरम में सत्ता किसके पास जाएगी? बस कुछ घंटों का इंतजार और फिर इसका मोटा-मोटा अनुमान लग जाएगा।

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इन पांचों चुनावी राज्यों के एग्जिट पोल गुरुवार शाम साढ़े छह बजे आ जाएंगे. तेलंगाना में गुरुवार शाम 6 बजे जैसे ही वोटिंग खत्म होगी, उसके ठीक आधे घंटे बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ जाएंगे.

पांचों राज्यों को लेकर एग्जिट पोल के नतीजे भी गुरुवार शाम 6:30 बजे से आने शुरू हो जाएंगे. एग्जिट पोल से चुनावी नतीजों की एक तस्वीर पता चलती है. हालांकि, कई बार एग्जिट पोल गलत भी साबित होते हैं.

एग्जिट पोल (Exit Poll 2023) में एक सर्वे किया जाता है, जिसमें वोटरों से कई सवाल किए जाते हैं. उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया. ये सर्वे वोटिंग वाले दिन ही होता है. सर्वे करने वाली एजेंसियों की टीम पोलिंग बूथ के बाहर वोटरों से सवाल करती है. इसका एनालिसिस किया जाता है और इसके आधार पर चुनावी नतीजों का अनुमान लगाया जाता है. भारत में कई सारी एजेंसियां एग्जिट पोल करवाती हैं.

तीन तरह के होते हैं चुनावी सर्वे

1. प्री पोलः ये सर्वे चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद और वोटिंग शुरू होने से पहले किए जाते हैं. जैसे पांच राज्यों की चुनाव की तारीखों का ऐलान 9 अक्टूबर को हुआ था. छत्तीसगढ़ में 7, 17 नवंबर को वोटिंग हुई थी, तो प्री पोल सर्वे 9 अक्टूबर के बाद और 17 नवंबर  हो चुके होंगे.

2. एग्जिट पोलः ये सर्वे वोटिंग (Exit Poll 2023) की तारीख वाले दिन ही होती है. इसमें वोटरों का मन टटोलने की कोशिश की जाती है. गुजरात में दो चरण में चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में हर चरण की वोटिंग वाले दिन ही ये सर्वे होता है. ये पोलिंग बूथ के बाहर किया जाता है और वोट देकर बाहर आने वाले लोगों से सवाल किए जाते हैं.

3. पोस्ट पोलः ये सर्वे वोटिंग खत्म होने के बाद किया जाता है. जैसे 30 नवंबर को वोटिंग खत्म हो जाएगी. अब एक-दो दिन बाद से पोस्ट पोल सर्वे शुरू हो जाएगा. इसमें आमतौर पर ये जानने की कोशिश होती है कि किस तरह के वोटर ने किस पार्टी को वोट दिया.

एग्जिट पोल को लेकर क्या है गाइडलाइंस

– एग्जिट पोल को लेकर भारत में पहली बार 1998 में गाइडलाइंस जारी हुई थीं. चुनाव आयोग ने आर्टिकल 324 के तहत 14 फरवरी 1998 की शाम 5 बजे से 7 मार्च 1998 की शाम 5 बजे तक एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल के नतीजों को टीवी और अखबारों में छापने या दिखाने पर रोक लगा दी थी. 1998 के आम चुनाव का पहला चरण 16 फरवरी को और आखिरी चरण 7 मार्च को हुआ था.

– इसके बाद समय-समय पर चुनाव आयोग एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल को लेकर गाइडलाइंस जारी करता है. रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के मुताबिक, जब तक सारे फेज की वोटिंग खत्म नहीं हो जाती, तब तक एग्जिट पोल नहीं दिखाए जा सकते. आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए जा सकते हैं.

-कानून के तहत अगर कोई भी चुनाव प्रक्रिया के दौरान एग्जिट पोल या चुनाव से जुड़ा कोई भी सर्वे दिखाता है या चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का उल्लंघन करता है तो उसे 2 साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.

 

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