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E-Way Bill : छत्तीसगढ़ सरकार और व्यापारी आए आमने-सामने, मंत्री ओपी चौधरी बोले….

Raipur News : छत्तीसगढ़ में 50 हजार रुपए से कम के सामान में ई-बिल (E-Way Bill) नहीं लगेगा, लेकिन 50 हजार से ज्यादा का सामान भेजा तो उसके साथ ई-बिल रखना होगा। ऐसा नहीं किया तो जितने का सामान है, लगभग उतना ही टैक्स लगेगा। साथ ही एक जिले से दूसरे जिले में किसी भी तरह का माल भेजने में 50 हजार से कम सामान के लिए ई-बिल जनरेट नहीं करना पड़ेगा। इस फैसले को लेकर सरकार व व्यापारी आमने सामने आ गए हैं।

प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी इसे टैक्स चोरी रोकने के लिए बड़ा कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि ई-वे बिल (E-Way Bill) जनरेट नहीं करने से बोगस बिल बन रहे थे। छत्तीसगढ़ में इसे छह साल बाद अनिवार्य किया जा रहा है। छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत देने के लिए 50 हजार से कम के सामान में ई-बिल नहीं लगेगा। इससे ज्यादा के सामान में ही ई-बिल देना होगा।

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दूसरी तरफ चेंबर आफ कामर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से राजस्व नहीं बढ़ेगा, लेकिन व्यापारियों की परेशानी बढ़ेगी। हर कारोबारी को दिक्कत होगी। एक शहर से दूसरे शहर माल ले जाने में ट्रांसपोर्टर भी हिचकिचाएंगे। इस छूट को जारी रखने जल्द ही वित्त मंत्री से मुलाकात की जाएगी।

अब तक ये नियम कायदे : बता दें कि केवल राज्य के बाहर सामान भेजने पर ही ई वे-बिल लगता था। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद 2018 में ई-बिल को भी अनिवार्य किया गया था। लेकिन उस समय व्यापारियों के विवाद के बाद इस नियम को शिथिल कर दिया गया था। भाजपा सरकार के करीब एक साल और कांग्रेस सरकार के पांच साल में भी इस छूट को जारी रखा गया था।

अब जारी की गई अधिसूचना : सरकार ने 24 मई 2024 को नई अधिसूचना जारी कर कहा है कि 50 हजार से ज्यादा के स्टॉक परिवहन पर हर हाल में ई-बिल रखना होगा, लेकिन इससे कम सामान पर छूट रहेगी। सरकार का दावा है कि इससे टैक्स चोरी पूरी तरह से खत्म होगी। इससे कम का सामान भेजा तो बिल नहीं देना होगा।

1 लाख से ज्यादा छोटे कारोबारी : पूरे छत्तीसगढ़ में करीब 1 लाख से ज्यादा छोटे व्यापारी हैं, जो 50 हजार रुपए से कम सामान ही भेजते हैं। सरकार इस फैसले ऐसे कारोबारियों को राहत मिलेगी। हालांकि 50 हजार या ज्यादा का सामान एक जिले से दूसरे जिले में भेजने वाले कारोबारियों को अब उन्हें ई-बिल जनरेट करना होगा। 50 हजार से या उससे ज्यादा का सामान अधिकतर बार छोटे मालवाहकों, बसों या 407 में भेजा जाता है। जीएसटी अफसर अब इन सभी गा​ड़ियों को रोककर ई-बिल की जांच करेंगे।

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