Friday, November 22, 2024

Chingra Pagaar Waterfall : 110 फीट की ऊंचाई से गिरता है पानी, इस वाटरफाल की कलेक्टर-एसपी भी हुए मुरीद, पहुंचे देखने

Gariaband News : राजधानी रायपुर जाने वाले मार्ग में गरियाबंद से 13 किलोमीटर की दूरी पर चिंगरा पगार जलप्रपात (Chingra Pagaar Waterfall) चारों दिशाओं से घनी जंगल, ऊंची पहाड़ों एवं प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है। यह झरना कचना धुरवा एवं बारुका के जंगलों पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 110 फीट ऊंचा है, जो देखने में बहुत खूबसूरत लगता है। चिंगरा पगार जलप्रपात की सुंदरता का आनंद लेने के लिए सैलानी छत्तीसगढ़ के साथ साथ अन्य राज्यों से भी आते हैं।

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चिंगरा पगार जलप्रपात (Chingra Pagaar Waterfall) में पर्यटकों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। बरसात के मौसम के लगते ही यहां का जल स्तर काफी बढ़ जाता है, जिसके कारण यह जलप्रपात का नजारा और भी आनंदमयी प्रतीत होता है।

जलप्रपात स्थल को पर्यटकों के सुविधा के लिए व्यवस्थित करने, आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था करने तथा प्राकृतिक स्थल में स्वच्छता बनाए रखने के उद्देश्य से कलेक्टर दीपक अग्रवाल एवं एसएसपी अमित तुकाराम कांबले बुधवार को चिंगरा पगार जलप्रपात स्थल का औचक निरीक्षण किया।

उन्होंने रिमझिम बारिश के बीच वहां आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था एवं पर्यटकों की सुविधाओं का जायजा लिया। कलेक्टर ने पर्यटन स्थल को प्राकृतिक रूप में रखने, दूषित नहीं करने एवं साफ सफाई बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बारिश के मौसम में जलप्रपात स्थल में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही पर्यटकों के गाड़ियों के लिए व्यवस्थित पार्किंग, चेंजिंग रूम, नदी के दोनो किनारे रस्सी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटकों से अधिक जल भराव की स्थिति एवं पत्थरों से सावधानी बरतने की भी अपील की।

पर्यटन स्थल में नशीली चीजों से रहे दूर : इस दौरान कलेक्टर ने चिंगरापगार जलप्रपात (Chingra Pagaar Waterfall) में विहंगम दृश्य से परिपूर्ण प्राकृतिक दृश्य का आनंद लेने के अलावा सावधानी भी बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि चिंगरापगार पर्यटन स्थल सार्वजनिक जगह है। यहां पर नशीली चीजों को ना ले जाए। साथ ही नशीली पदार्थ का सेवन ना करे।

इसके अलावा कलेक्टर ने बारिश के मौसम में जलप्रपात स्थल में फिसलन भरी चट्टानों से भी सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण पत्थरों में शैवाल उग आते है, जिसके कारण पत्थर में फिसलन आ जाती है। पत्थर पर चलने से फिसल कर गिरने का खतरा बना रहता है। इसलिए सावधानी और सतर्क होकर जलप्रपात स्थल पर जाएं।

जलप्रपात स्थल को स्वच्छ रखने में निभाएं भागीदारी : स्थल निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कहा कि प्राकृतिक स्थलों एवं पर्यटन स्थलों को सुरक्षित एवं स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। प्रकृति द्वारा दिए गए चीजों का सदुपयोग करना भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने पर्यटन स्थल में कचरा नहीं फैलाने, उन्हें प्राकृतिक रूप से संरक्षित रखने और पर्यावरण जागरूकता में भागीदारी निभाने की अपील लोगों से की।

इस दौरान कलेक्टर ने जलप्रपात स्थल में पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही पर्यटन स्थल में कचरा नहीं फैलाने से संबंधित सूचना बोर्ड भी लगाने के निर्देश दिए।

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