Sarangarh News : आज चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) का पांचवां दिन है. नवरात्रि में आपने माता के अलग-अलग रूप देखे होंगे, लेकिन छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सलौनीकाला नामक गांव में एक ऐसा भक्त है जो माता की भक्ति में इतना लीन है, उसने खुद की भी चिंता नहीं है. उसने माता को अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया है. नवरात्रि पर उन्होंने 9 दिन तक बिना खाय, पिए कांटों की सैया पर अपने शरीर में कलश और एक युवक कलश जवारा को सिर पर रखे हुए तपस्या में लीन है. उनको देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु भी आ रहे हैं.
ग्राम सलौनीकला के रहने वाले माता के भक्त की तपस्या सबको हैरान कर देने वाली है. यह तपस्वी बचपन से ही पूजा पाठ हुमन जाग्रत में ही देवी की उपासना करते हुए आया है. वैसे तो नवरात्रि पर्व लगते ही तरह-तरह की भक्ति देखने को मिलती है, लेकिन इस प्रकार से भक्ति सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिले समेत क्षेत्र के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. भक्त की इस आस्था को देख हर कोई दंग है.यह देवी भक्त माता रानी (Chaitra Navratri 2024) को खुश करने के लिए अपने घर के मंदिर में काटो के ऊपर सोकर वहीं दूसरा युवक अपने शरीर पर कलश स्थापना कर जवारा उगाकर साधना में लगे हैं. उन्हें देखने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. भक्त द्वारा अन्न जल भी त्याग कर दिया गया है और नवरात्रि तक बिना कुछ खाए पीए माता का नाम जपते हुए भक्ति में लीन है.
इतना ही नहीं शनिवार और मंगलवार को यहां लोगों की भीड़ लगती है. लोग अपनी समस्याओं को लेकर इस युवक के पास पहुंचते है. भक्त सूरज पटेल के पिता बताते हैं कि बचपन से ही यह धार्मिक आस्था से काफी लगा रखा था. शुरू से ही वह पूजा पाठ करता था.