Friday, November 22, 2024

Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि कल से होगा शुरू, जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

Navratri Ghatasthapana : हिंदू धर्म में नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) का त्यौहार बड़े ही उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है. साल में चार बार आने वाली नवरात्रि में से चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल, मंगलवार से शुरू हो रही है. चैत्र नवरात्र पर इस बार अश्विनी नक्षत्र का भी योग बन रहा है. इन सभी संयोग के बीच मां दुर्गा की आराधना अति शुभ रहेगी.

चैत्र नवरात्रि की तिथि

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प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 8 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी
प्रतिपदा तिथि समापन- 9 अप्रैल को रात 8 बजकर 30 मिनट तक

घटस्थापना – पूजा का पहला कदम : नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) की शुरुआत घटस्थापना से होती है. इस दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित किया जाता है, जिसे भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है. इस वर्ष घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक है. यह अवधि 4 घंटे 14 मिनट की है. घटस्थापना अभिजीत का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है.

 

घटस्थापना विधि : नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के घड़े को स्थापित किया जाता है, जिसे घटस्थापना कहते हैं. घट को घर के ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए. घट में पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर जौ डालें. फिर इसका पूजन करें. जहां घट स्थापित करना है, उस स्थान को साफ करके वहां पर एक बार गंगा जल छिड़ककर उस जगह को शुद्ध कर लें.

  • घर के ईशान कोण में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं.
  • मिट्टी के कलश में जल भरकर उसमें सिक्का, सुपारी, लौंग, दूर्वा और अक्षत डालें.
  • कलश के मुख पर आम के पत्ते रखकर नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर रखें.
  • कलश के पास फल, मिठाई और प्रसाद रखें.
  • मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और विधि-विधान से पूजा करें.

घटस्थापना पूजन सामग्री : कपूर, जनेऊ, चौकी पाट, हल्दी, कुमकुम, धूपबत्ती, निरांजन, पूजा के पान, हार-फूल, आम के पत्ते, पंचामृत,  खारीक, बादाम, सुपारी, सिक्के, नारियल, गुड़ खोपरा, पांच प्रकार के फल, कुश का आसन, नैवेद्य आदि.

नवरात्रि की तिथियाँ और देवी के नौ रूप

  1. प्रतिपदा (9 अप्रैल): मां शैलपुत्री – पर्वतराज हिमालय की पुत्री, साहस और शक्ति का प्रतीक
  2. द्वितीया (10 अप्रैल): मां ब्रह्मचारिणी – तपस्या और त्याग की देवी
  3. तृतीया (11अप्रैल): मां चंद्रघंटा – शांति और कल्याण की देवी
  4. चतुर्थी (12 अप्रैल): मां कूष्मांडा – अन्नपूर्णा, समृद्धि की देवी
  5. पंचमी (13 अप्रैल): मां स्कंदमाता – मां पार्वती का रूप, संतान की रक्षा करने वाली
  6. षष्ठी (14 अप्रैल): मां कात्यायनी – शक्ति और वीरता का प्रतीक
  7. सप्तमी (15 अप्रैल): मां कालरात्रि – अशुभ शक्तियों का नाश करने वाली
  8. अष्टमी (16 अप्रैल):  मां महागौरी – शुभता और सौभाग्य की देवी
  9. नवमी (17 अप्रैल): मां सिद्धिदात्री – सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली

भूलकर भी ना करें ये काम : नवरात्रि में रखें इन बातों का ध्यान, पाएं मां दुर्गा की कृपा नवरात्रि का पावन पर्व आस्था और भक्ति का समय होता है. इन नौ दिनों में हम मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करते हैं, लेकिन पूजा के साथ-साथ कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है, ताकि मां की कृपा हम पर बनी रहे. आइये जानते हैं नवरात्रि में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

क्या ना करें 

  • तामसिक भोजन: नवरात्रि में मांस, मदिरा और लहसुन-प्याज जैसे तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए. सात्विक आहार का सेवन करें, जिससे मन और शरीर दोनों शुद्ध रहें.
  • बाल और नाख़ून काटना: नवरात्रि में बाल और नाख़ून नहीं काटने चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
  • काले वस्त्र:  काले रंग को अशुभ माना जाता है इसलिए नवरात्रि में काले वस्त्र पहनने से बचें. लाल, पीले और सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें जो सकारात्मकता का प्रतीक हैं.
  • अस्वच्छता: नवरात्रि में साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखें. पूजा स्थल और घर की नियमित सफाई करें.
  • नए वस्त्र खरीदना: मान्यता है कि नवरात्रि में नए वस्त्र खरीदने से बचना चाहिए.

क्या करें

  • सात्विक भोजन: फलाहार, दूध, दही और कुट्टू के आटे से बने व्यंजनों का सेवन करें.
  • शुद्धता: मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहें. क्रोध, लोभ और मोह से दूर रहें.
  • पूजा-पाठ:  नियमित रूप से मां दुर्गा की पूजा करें. दुर्गा चालीसा, स्तोत्र और मंत्रों का जाप करें.
  • दान-पुण्य: जरूरतमंदों को दान दें.  इससे पुण्य की प्राप्ति होती है.
  • अखंड ज्योत: घर में अखंड ज्योत जलाएं. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

मंत्र : मां दुर्गा के मंत्र चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है और हर रूप के लिए अलग-अलग मंत्र हैं. यहां कुछ प्रमुख मंत्र दिए गए हैं:

  • ॐ दुं दुर्गायै नमः – यह मां दुर्गा का मूल मंत्र है और सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए जपा जाता है.
  • सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते- यह मंत्र मां दुर्गा को सभी प्रकार के मंगल और कल्याण की देवी के रूप में सम्बोधित करता है.

नवरात्रि में पूजा का महत्व : नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को सुख-समृद्धि, शक्ति और कल्याण की प्राप्ति होती है. इस पावन पर्व में व्रत रखने और पूजा करने से मन की शुद्धि होती है और नकारात्मकता दूर होती है.

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