गरियाबंद. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में प्रोजेरिया जैसी लाइलाज बीमारी से पीड़ित शैलेंद्र ध्रुव ने प्रशासन से कॉलेज की पढ़ाई के लिए मदद की गुहार लगा रहा है. गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड के मेढकी डबरी गांव के रहने वाले शैलेंद्र का कलेक्टर बनने का सपना था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद प्रशासन ने शैलेंद्र को शैडो कलेक्टर बनाया था. शैलेंद्र वर्तमान में बारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण कर कॉलेज की पढ़ाई के लिए प्रशासनिक मदद की आस में इंतजार कर रहा हैं. बचपन से ही कलेक्टर बनने का सपना रखने वाले गरियाबंद का शैलेंद्र प्रोजेरिया से पीड़ित है. इस बीमारी के बाद शैलेंद्र पा फिल्म में अमिताभ बच्चन के किरदार जैसा दिखता है. शैलेंद्र को एक दिन के लिए गरियाबंद जिले का कलेक्टर भी बनाया गया था.
प्रोजेरिया नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित
छुरा विकासखंड के मेढकी डबरी गांव का रहने वाला शैलेंद्र प्रोजेरिया नामक दुर्लभ लाइलाज बीमारी से ग्रसित है. कुछ दिन पहले उसने कलेक्टर बनने की इच्छा जाहिर की थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने शैलेंद्र को शैडो बनाने के निर्देश दिए थे और एक दिन के लिए शैडो कलेक्टर बनाया गया था. शैलेंद्र के परिजनों का कहना है कि वह सामान्य बच्चों की स्कूल जाता है और पढ़ाई करता है. बचपन से ही वह इस बीमारी से पीड़ित है. उसकी कलेक्टर बनने की इच्छा थी. बीमारी की वजह से उसका शारीरिक विकास रुक गया. लेकिन उसकी कलेक्टर बनने की इच्छा प्रशासन ने पूरी की है. वर्तमान में कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है.
क्या होती है प्रोजेरिया बीमारी
प्रोजेरिया बीमारी अब तक लाइलाज है. इस बीमारी से ग्रसित 10 साल का बच्चा भी 80-90 साल के बुजुर्ग जैसा दिखने लगता है. इस दुर्लभ बीमारी का नाम बेंजामिन बटन है. इस बीमारी को Progeria Disease यानी प्रोजेरिया बीमारी के नाम से भी जाना जाता है. इस रिसर्च के मुताबिक, प्रोजेरिया बीमारी 2 करोड़ बच्चों में से किसी एक को अपनी चपेट में लेती है. इस बीमारी की चपेट में आने वाला बच्चा आमतौर अधिक उम्र तक जिंदा नहीं रह पाता.