Tuesday, February 4, 2025
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Baramkela Tahsildar : बरमकेला तहसीलदार की लापरवाही से किसानों का तीन माह से अटका काम

Baramkela News : छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला (Baramkela Tahsildar) क्षेत्र के किसानों को पिछले तीन महीनों से अपनी समस्याओं का हल नहीं मिल पा रहा है, जिसका मुख्य कारण तहसीलदार की लापरवाही बताई जा रही है।

किसानों का कहना है कि भूमि संबंधित दस्तावेजों, खसरा-खातेदारी की कार्यवाही और अन्य जरूरी कामों के लिए वे बार-बार तहसील कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन तहसीलदार की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे न केवल उनकी दैनिक कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं, बल्कि आर्थिक संकट भी बढ़ता जा रहा है।

तीन माह से लटका काम (Baramkela Tahsildar)
बरमकेला क्षेत्र के कई किसान पिछले तीन महीने से तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि वे अपनी भूमि से संबंधित दस्तावेजों के लिए आवेदन कर चुके थे, लेकिन तहसीलदार की लापरवाही के कारण उनके काम में कोई प्रगति नहीं हो पा रही है।
खसरा, खतौनी की जानकारी प्राप्त करने, भूमि में बंटवारे से जुड़ी समस्याओं और अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए किसानों ने कई बार आवेदन दिया, लेकिन उनके आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

 

किसानों का आरोप (Baramkela Tahsildar)

किसानों ने आरोप लगाया है कि तहसीलदार की ओर से लगातार न तो उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है और न ही उन्हें कोई संतोषजनक जवाब मिल रहा है।

किसान ने बताया, “हमने तहसीलदार से कई बार मुलाकात की है, लेकिन वह हर बार टाल-मटोल करते रहे हैं। उनके कामकाज के तरीकों से किसानों को भारी परेशानी हो रही है। तीन महीने से हम यहां आ रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।”

राजस्व विभाग की लापरवाही (Baramkela Tahsildar) 
स्थानीय निवासियों का कहना है कि राजस्व विभाग की लापरवाही से किसानों को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है। खेती-बाड़ी के कामों के लिए समय पर दस्तावेज मिलना जरूरी होता है, ताकि वे अपनी फसल को उचित समय पर बेच सकें या कृषि लोन के लिए आवेदन कर सकें। लेकिन तहसीलदार की लापरवाही के कारण किसान न केवल आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं, बल्कि उनके परिवारों की स्थिति भी गंभीर हो चुकी है।

 

किसानों को नहीं मिल रहा समाधान (Baramkela Tahsildar)
किसानों का कहना है कि उन्होंने तहसील कार्यालय में अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कई बार आवेदन दिए, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। वे उम्मीद कर रहे थे कि नई शासन व्यवस्था के तहत उनके काम शीघ्र निपटाए जाएंगे, लेकिन अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।

 

कलेक्टर से न्याय की उम्मीद (Baramkela Tahsildar)
किसानों की समस्याओं को गंभीरता से न लेने की वजह से अब उनके मन में प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ने लगा है। किसान नेता ने प्रशासन से अपील की है कि वह शीघ्र ही इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करें, ताकि किसानों को समय पर सहायता मिल सके। उन्होंने कहा, “अगर प्रशासन समय रहते इस समस्या का हल नहीं निकालेगा, तो हमें मजबूरन आंदोलन का रुख करना पड़ेगा।”

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