Chhattisgarh News : वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने आज नवा रायपुर स्थित नंदनवन जू एवं सफारी का दौरा किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने नंदनवन जू एवं सफारी से चीतल को अचानकमार टायगर रिजर्व, लोरमी, बिलासपुर छोड़ने हेतु रेस्क्यू वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जंगल सफारी से कुल 150 की संख्या में हिरणों को अचानकमार टाइगर रिज़र्व में छोड़ने की अनुमति मिली है, उसी अनुक्रम में आज पहली बार कुल 42 हिरण को रवाना किया गया है ।
वनमंत्री ने जंगल सफारी में भ्रमण पश्चात वन विभाग के अधिकारियों के साथ जंगल सफारी की आगामी कार्य योजना के बारे में चर्चा की। उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप जंगल सफारी में नवीन सुविधाओं और विभिन्न गतिविधियों को जोड़ने पर विशेष जोर दिया। भ्रमण के दौरान नंदनवन जू एवं सफारी के प्रयासों की सराहना की और अचानकमार में प्रे बेस बढ़ाने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण कदम बताया ।
चीतलों के स्थानांतरण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के सुरक्षित आवास और उनके संरक्षण के लिए इस प्रकार की ट्रांसलोकेशन गतिविधियां आवश्यक हैं। अचानकमार टायगर रिजर्व अपने समृद्ध जैव विविधता और प्राकृतिक आवास के लिए जाना जाता है। टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए प्रे बेस बढ़ाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण पहल की जा रही है।
पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न गतिविधियों के विस्तार के लिए आवश्यक निर्देश दिए। इनमें जंगल सफारी स्थित बॉटनिकल गार्डन का आकर्षण बढ़ाने सहित फिश एक्वेरियम की स्थापना आदि के सम्बंध में निर्देशित किया।
इसी तरह जंगल सफारी में पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए फाइबर टॉप बसों को अत्याधुनिक ढंग से सुसज्जित करने और वातानुकूलित यात्री प्रतीक्षालय के निर्माण के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए। वनमंत्री के निर्देशों के अनुरूप उक्त सभी निर्माण कार्यों के लिए 31 जुलाई तक की समयसीमा निर्धारित की गई है।
टाइगर रिजर्व में दो किमी के दायरे में बाड़ा बन रहा है। इस बाड़े को दो हिस्से में बांटा गया है। इसमें से एक में चीतलों को रखा जाएगा और दूसरे बाड़े में बाहर से आने वाले बाघ रहेंगे। बाघ इसलिए लाए जा रहे हैं, ताकि अचानकमार में बाघों की संख्या बढ़ सके।