EOW Investigation Scandal : व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में बड़ा घोटाला, जांच के घेरे में आएंगे अधिकारी

Chhattisgarh News : प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में हुई गंभीर अनियमितताओं की जांच अब राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW Investigation Scandal) करेगा। इस संबंध में औपचारिक आदेश एक-दो दिन में जारी होने की संभावना है। मामले की गहराई को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के कई अधिकारी भी जांच की जद में आ सकते हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत को गंभीरता से लिया है। हाल ही में स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान इस पूरे मामले को पुलिस जांच को सौंपने की बात कही थी, जिस पर अब आगे की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

जानकारी के मुताबिक, पीएम श्री स्कूलों में लगभग 1,500 व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती आउटसोर्सिंग के जरिए की गई थी। इसके लिए भोपाल की आइसेक्ट, लरनेट समेत छह कंपनियों को जिम्मेदारी दी गई थी। इन कंपनियों ने महज एक सप्ताह के भीतर विज्ञापन प्रकाशित कर चयन प्रक्रिया पूरी कर ली। शिकायतों में आरोप है कि कंपनियों ने शैक्षणिक योग्यता में अपने स्तर पर बदलाव कर दिया और कई अपात्र उम्मीदवारों को चयनित कर लिया।

प्रारंभिक जांच में इन आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, विभाग के कुछ डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारी भी इस अनियमितता में कंपनियों के साथ सीधे तौर पर जुड़े रहे हैं। यह मामला केवल भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का नहीं, बल्कि (Recruitment Scam Probe) जैसी गंभीर स्थिति का है।

गौरतलब है कि व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति 11 महीने के लिए की जाती है और इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करती है। ऐसे में यह गड़बड़ी केवल स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि नीतिगत स्तर पर भी सवाल खड़े करती है। अब ईओडब्ल्यू इस मामले की परतें खोलेगा और इसमें शामिल कंपनियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी है।

अंदरखाने की चर्चाओं के अनुसार, यह जांच आगे चलकर बड़े पैमाने पर खुलासे कर सकती है, क्योंकि कंपनियों और विभागीय अफसरों के बीच हुए गठजोड़ के कई दस्तावेज सामने आ सकते हैं। प्रदेश सरकार चाहती है कि दोषियों को उदाहरण पेश करते हुए दंडित किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति न हो। (School Education Corruption) मामले में ईओडब्ल्यू की टीम पहले सभी कागजात जब्त करेगी और फिर गवाहों से पूछताछ कर पूरी सच्चाई उजागर करेगी।