खेल डेस्क। रविवार 29 जनवरी का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद उत्सुकता भरा होने वाला है, जो शाम होते-होते बेहद खास हो सकता है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा बल्लेबाज शेफाली वर्मा के पास अपना नाम इतिहास में लिखाने का मौका है. वो कुछ ऐसा कर सकती हैं, जो 15 साल पहले उनकी ही तरह एक युवा भारतीय स्टार ने किया था. पहले मौके पर ही दुनिया जीत लेना. कई तरह के संयोग मिल रहे हैं, बस उम्मीद इतनी सी है कि आखिरी संयोग और मिल जाए. फिर शेफाली वर्मा कुछ ऐसा कर दिखाएंगी, जो डेढ़ दशक पहले महेंद्र सिंह धोनी ने किया था.
ट्राफी उठाने का शेफाली के पास मौका : साउथ अफ्रीका के पोचेफस्ट्रूम में रविवार को भारत और इंग्लैंड की टीमें आमने-सामने होंगी और नजरें होंगी इतिहास लिखने पर. मौका होगा- आईसीसी महिला अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल का. पहली बार आयोजित हो रहे इस टूर्नामेंट के पहले विजेता बनने का गौरव हासिल करना बेहद खास उपलब्धि होने वाली है और शेफाली वर्मा के पास ये ट्रॉफी उठाने वाली पहली कप्तान बनने का मौका भी है. बिल्कुल वैसे ही जैसे 2007 में धोनी ने पहली टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाई थी.
धोनी, शेफाली और वर्ल्ड कप का कनेक्शन : शेफाली रविवार को धोनी जैसी सफलता दोहरा पाएंगी या नहीं, इसका पता शाम को ही चलेगा लेकिन इन दोनों में तीन ऐसी समानताएं हैं, जो संयोग पर विश्वास करने वालों के लिए उम्मीद जगाती है. धोनी और शेफानी ने पहली कोशिश में ही वर्ल्ड कप फाइनल तक का सफर तय किया. धोनी ने उस सफर को सफलतापूर्वक मंजिल तक पहुंचाया. अब बस इंतजार है कि शेफाली वर्मा भी उनकी तरह कमाल कर दे.
- 2007 में खेला गया टी20 वर्ल्ड कप इस फॉर्मेट का पहला ही वैश्विक टूर्नामेंट था. इसी तरह मौजूदा विश्व कप अंडर-19 स्तर पर टी20 फॉर्मेट का पहला ग्लोबल टूर्नामेंट है. अभी तक अंडर-19 में सिर्फ मेंस वर्ल्ड कप होता है और वो भी वनडे फॉर्मेट में.
- ये समानता यहीं खत्म नहीं होती. 2007 का पहला विश्व कप साउथ अफ्रीका में आयोजित हुआ था. इसी तरह मौजूदा विश्व कप भी साउथ अफ्रीका में ही आयोजित हो रहा है.
- तीसरा और सबसे अहम संयोग- 2007 विश्व कप के साथ पहली बार धोनी ने भारतीय टीम की कप्तानी की थी. इसी तरह मौजूदा विश्व कप के साथ शेफाली वर्मा भी पहली बार किसी भी स्तर पर भारत की कप्तानी कर रही हैं.