Sunday, February 23, 2025
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Liquor Ban : समाज की नई पहल : शादी से शोक तक, अब शराब नहीं, सिर्फ संस्कार!

Liquor Ban : शराब (Liquor Ban) के सेवन से कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं। इस समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए छत्तीसगढ़ कन्नौजे सेन समाज ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। समाज ने शराबियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

Liquor Ban : प्रदेश में शराबबंदी (Liquor Ban) के लिए कई संगठनों ने अपनी आवाज उठाई है। वहीं, सरकार ने भी शराबबंदी के समर्थन में नारे दिए हैं, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस बीच, छत्तीसगढ़ कन्नौजे सेन समाज ने शराबियों पर नियंत्रण लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

भाटापारा और अर्जुनी क्षेत्र का वार्षिक अधिवेशन शनिवार को श्रीराम जानकी मंदिर के प्रांगण, जोगी द्वीप गुर्रा में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्याम लाल सेन, पूर्व अध्यक्ष अर्जुनी क्षेत्र ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में मिथलेश सेन, केंद्रीय उपाध्यक्ष क्षेत्रीय, दाउलाल सेन, अध्यक्ष अर्जुनी क्षेत्र, और भाटापारा क्षेत्र के अध्यक्ष हृदय सेन उपस्थित रहे।

समाज का हुआ वार्षिक अधिवेशन (Liquor Ban)

कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए संचालक पुनीत राम सेन ने कहा कि समाज में शराब (Liquor Ban) पीने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, ताकि आर्थिक विकास संभव हो सके और घरेलू विवादों से सभी लोग बच सकें।

सेन ने यह भी कहा कि इससे समाज में एक नई जागरूकता का संचार होगा। केंद्रीय अध्यक्ष मिथलेश सेन ने बताया कि आज के समय में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति समाज में उच्चतम पदों पर पहुंच सकता है।

जो समाज शिक्षित है, वह समाज में सबसे आगे है, क्योंकि शिक्षा एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से गरीब से गरीब व्यक्ति भी उच्च पदों पर पहुंच सकता है।

समाज की एक प्रमुख बुराई मदिरापान है, जिसे आनंद के अवसरों जैसे शादी, छठी और शोक कार्यक्रमों में पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। जो लोग शराब (Liquor Ban) पीकर समाज के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, उनके खिलाफ समाज को उचित कार्रवाई करनी चाहिए।

शिक्षा, संस्कार और आध्यात्मिक वातावरण हो (Liquor Ban)

जिस समाज में शराब (Liquor Ban) पर प्रतिबंध है, वह समाज संगठित, शिक्षित और भाईचारे के रूप में आगे बढ़ रहा है। ऐसे समाज ही सबसे आगे हैं। आज का समय शिक्षा, संस्कार और आध्यात्मिक वातावरण को घरों में स्थापित करने का है।

इस अवसर पर सरजू सेन, खुबीराम सेन, पुनीत राम सेन, दाउलाल सेन, राजू सेन, अरुण सेन, लक्ष्मी नारायण सेन, जेठाराम सेन, संतराम सेन, सुरेश सेन, माखन सेन, धनु सेन और मोहन सेन उपस्थित रहे।

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