Sultanpur News : रविवार की सुबह कोहरे के कारण लखनऊ-वाराणसी फोरलेन (Sultanpur Bus Accident News) पर अभियाकला डायवर्जन पर छत्तीसगढ़ से अयोध्या जा रही यात्रियों की स्लीपर बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में कुछ यात्री घायल हो गए, जबकि 39 यात्री बाल-बाल बच गए। दुर्घटना के बाद बस खराब हो गई, और यात्रियों को ठंडी रात में खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ी।
सुलतानपुर-वाराणसी फोरलेन पर रविवार सुबह लगभग चार बजे, सुलतानपुर-वाराणसी फोरलेन के हनुमानगंज बाईपास के अभियाकला डायवर्जन स्थल पर लगे एक बोर्ड से टकराकर (Sultanpur Bus Accident News) छत्तीसगढ़ से अयोध्याधाम जा रही यात्रियों से भरी स्लीपर बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसके बाद बस खराब हो गई, और चालक ने खराब बस को संकेतक जलाकर डायवर्जन बोर्ड के पास खड़ा कर दिया।
रविवार दोपहर को बस को ठीक कर आगे की यात्रा शुरू की गई। रात में बनारस से दर्शन करके छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के लोग एसी स्लीपर बस में सवार होकर अयोध्या के लिए रवाना हुए थे। सुबह सभी लोग अयोध्या में रामलला के दर्शन करने वाले थे।
भोर के चार बजे, हाइवे पर लगे बंद डायवर्जन बोर्ड से बस टकरा (Sultanpur Bus Accident News) गई, लेकिन वह पलटने से बच गई। जैसे ही बस ने फोर लेन डायवर्जन और डिवाइडर से टकराया, स्लीपर बस में सो रहे यात्री जाग गए और चिल्लाने लगे। रात में, हाइवे पर खराब बस के कारण सभी यात्री खुले आसमान के नीचे कड़ाके की ठंड में रात बिताने को मजबूर हो गए।
बस के केबिन में बैठे तीन लोग, मानक, जयवीर और तीरमजीत, घायल हो गए, जबकि अन्य लोग बाल-बाल बच गए। चालक बीर प्रताप ने बताया कि कोहरे के कारण बस अनियंत्रित होकर डायवर्जन बोर्ड से टकराई और डिवाइडर को पार कर गई। घायलों को सीएचसी में इलाज के लिए भेजा गया। दुर्घटना के बाद बस खराब हो गई, लेकिन पलटने से बच जाने के कारण बस में बैठे लोग एक बड़ी घटना (Sultanpur Bus Accident News) से बच गए।
बस में 42 यात्री सवार थे (Sultanpur Bus Accident News)
बस में 42 यात्री सवार थे, जिन्होंने सर्द रात आसमान के नीचे बिताई। इनमें से 38 यात्री स्लीपर में लेटे हुए थे, जबकि चार लोग केबिन में थे, जो चोटिल हो गए थे। रात के समय तेज आवाज के साथ बस के टकराने से लोग चिल्लाते हुए बाहर निकले। इसके बाद, चालक और खलासी ने सभी यात्रियों को बाहर निकालकर बस को इंडीकेटर जलाकर सुरक्षित किया। यात्रियों ने कड़ाके की ठंड में, सर्द पूस की रात को आसमान के नीचे बिताया।
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