Wednesday, February 5, 2025
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Bhediya : 2 आदमखोर भेड़ियों का आतंक, दहशत में 35 गांव…

Bahraich News : भेड़ियों के पकड़ने के लिए वन विभाग ने जाल लगवाए, पिंजरे लगाए और भी तमाम कोशिशें की, लेकिन दो आदमखोर भेड़िए (Bhediya) अब तक पकड़ में नहीं आ सके हैं. उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के भेड़िया प्रभावित गांवों में अब भी दहशत कायम है.

पुलिस और वन विभाग की टीमें दिन-रात गश्त कर रही हैं. इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने की कोशिश में भी लगी हैं, ताकि भेड़ियों (Bhediya) के पंजों की पहचान से उन तक पहुंच आसान हो सके. भेड़ियों को जल्द पकड़़ा जा सके.

यूपी के बहराइच में लोगों के दिलों में दहशत का अंत नहीं हो रहा है. वन विभाग की ओर से लगातार चलाए जा रहे ऑपरेशन के बाद भी दो आदमखोर भेड़ियों का सुराग नहीं मिल रहा है.

सात जिलों से आई वन विभाग की टीम चप्पे-चप्पे की तलाश कर रही है. 55 दिनों से जारी भेड़ियों के आतंक को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश में लगी है. भेड़ियों को पकड़ने के लिए कड़ी निगरानी की जा रही है. लेकिन बावजूद अब तक इन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी है.

भेड़ियों (Bhediya) की तलाश में वन विभाग की टीम नई-नई तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. थर्मल ड्रोन के जरिए कोशिशें चल रही हैं. दरअसल, बहराइच के जिस इलाके में भेड़ियों का आंतक है, वो इलाका ऐसा है कि भेड़ियों के लिए हमला कर खेतों में छुपना आसान है.

ऐसे में पकड़ना बेहद मुश्किल बना हुआ है. गांव वाले डरे हुए हैं. वन विभाग के अधिकारी गांव वालों को भेड़ियों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए हर कोशिश में लगे हैं. रैपिड रिस्पॉन्स टीम भी तैनात की गई है.

कहीं भेड़िये (Bhediya) के देखे जाने की खबर मिलती है. वहां फौरन रैपिड रिस्पॉन्स टीम पहुंच जाती है. भेड़ियों की तलाश शुरू कर देती है. खौफनाक भेड़ियों पर काबू पाने के लिए गोली मारने का प्लान भी तैयार हो चुका है.

सरकार ने साफ कर दिया है कि भेड़िए पकड़े गए तो ठीक नहीं तो उन भेड़ियों को गोली मारने से भी परहेज नहीं है. कोशिश यही है कि जल्द से जल्द गांव वालों को भेड़ियों के हमलों से बचाया जाए. जल्द से जल्द भेड़ियों का आतंक खत्म किया जाए.

भेड़ियों से परिवार वालों को बचाने के लिए गांव वाले ने एक नया तरीका निकाला है. पूरी-पूरी रात लोग जाग रहे हैं. लाठी-डंडों के साथ पहरा दे रहे हैं. गश्त में जुटी टीमें की मदद कर रहे हैं.

बहराइच के गांवों में इन दिनों लोगों की रातें जागते हुए बीत रही हैं. जरा सी आहट पर गांव के लोग घबरा उठते हैं कि कहीं भेड़िया तो नहीं. लोगों की जागरुकता और प्रशासन की सक्रियता का ही असर हुआ कि अब तक चार भेडिये पकड़े जा चुके हैं. लेकिन दो अभी बचे हैं.

ये दो बचे भेड़िये (Bhediya) ही बहराइच के करीब 35 गांवों के लिए दहशत बने हुए हैं. पिछले करीब दो महीने से रह रह कर घात कर रहे हैं. बच्चों की जान ले रहे हैं.

वन विभाग उत्तर प्रदेश ने बहराइच में भेड़िया प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े-बड़े बैनर लगाना शुरू कर दिया है. बैनर में भेड़िया, सियार, लकड़बग्घा, बाघ और तेंदुए के पद चिन्ह दर्शाए गए ताकि गांव वालों के अंदर जानवर की पहचान को लेकर कोई भ्रांति ना रहे.

इसके साथ भेड़िया (Bhediya) प्रभावित क्षेत्रों में क्या करें और क्या ना करें, इसकी भी एक लंबी लिस्ट लगाई गई है. वन विभाग लगातार भेड़ियों को पकड़ने की कोशिश कर रहा है.

वन विभाग के करीब 250 लोग लगातार भेड़िया प्रभावित गांवों में कैंप कर रहे हैं. दिन रात निगरानी और पहरेदारी का सिलसिला चल रहा है. थर्मल इमेजिंग सिस्टम वाले ड्रोन कैमरों से आस-पास के इलाके की स्कैनिंग की जा रही है.

कोशिश है कि यदि कहीं छुट्टा घूम रहा भेड़ियों का जोड़ा नजर आ जाए, तो उन्हें अब घेर कर ढेर कर दिया जाए. फिलहाल, भेड़ियों से डरे सहमे बहराइच को अब करीब दो महीने होने को हैं. ऑपरेशन भेड़िया अभी भी जारी है.

 

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