Aaj Hogi Barish : साल दर साल गर्मी के मौसम में सूरज की तपिश बढ़ती जा रही है. सूर्य देव का प्रकोप हर साल झेलना पड़ रहा है. इस बार 25 मई यानी शनिवार से नौतपा (NAUTAPA 2024) शुरू हो रहे हैं जो 2 जून को समाप्त होंगे. हालांकि मौसम विभाग ने राहतभरी खबर दी है. दरअसल, नौतपा के पहले ही दिन प्रदेश के कई जिलों मेें मौसम का मिजाज बदलेगा और तेज आंधी तूफान के साथ झमाझम बारिश होगी.
Nautapa 2024 Kab Hai: शास्त्रों के मुताबिक, जब-जब ज्येष्ठ मास में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो गर्मी बढ़ती है. दरअसल, रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का नक्षत्र है और सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से चंद्रमा की शीतलता कम हो जाती है. नतीजन 9 दिनों तक भीषण गर्मी होती है. साथ ही इस अवधि में सूरज धरती के और भी करीब आ जाता है, जिससे भी धरती का तापमान बढ़ जाता है. 22 जून को ज्येष्ठ माह समाप्त होने के बाद गर्मी से राहत मिलेगी. उस समय सूर्य आद्रा नक्षत्र के प्रवेश कर जाएगा और धरती पर बारिश की बूंदें गिरने लगेंगी.
Nautapa 2024 Date : नौतपा में हल्का भोजन करना चाहिए. इसमें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. नौतपा में पक्षियों के लिए किसी मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखना चाहिए. ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दौरान राहगीरों को भी जल का सेवन कराना चाहिए. शिवलिंग पर जल चढ़ाना भी नौतपा में शुभ माना जाता है. इस महीने भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व होता है. कहते हैं कि ज्येष्ठ के महीने में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी.
Chhattisgarh Weather : मौसम विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ में अगले तीन दिनों तक तेज गर्मी से राहत रहेगी। तेज अंधड़, बारिश और बादलों के कारण दिन का तापमान कम रहेगा। प्रदेश में समुद्र की ओर से बड़ी मात्रा में नमी आ रही है। नमी के कारण ही शाम और रात में तेज हवा के साथ कहीं-कहीं अच्छी बारिश भी हो रही है।
Aaj Barish : मौसम विभाग के मुताबिक आज सरगुजा, बलरामपुर, कोरबा, रायपुर, गरियाबंद, राजनांदगांव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर और नारायणपुर जिले में में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण-पूर्व राजस्थान और आसपास एक चक्रवात बना हुआ है। इससे शुरू होकर मध्यप्रदेश से झारखंड तक एक द्रोणिका है। इसी तरह राजस्थान के ऊपर चक्रवात से दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश और मध्य महाराष्ट्र होते हुए मराठवाड़ा तक एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका बनी हुई है। इस सिस्टम से प्रदेश में नमी आती रहेगी।