Mohitram Kerketta : फर्जी दस्तावेजों के जरिए पूर्व विधायक ने खरीदी जमीन, केस दर्ज

FIR Against Former Congress MLA Mohitram Kerketta : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पाली तानाखार के पूर्व विधायक मोहितराम केरकेट्‌टा (Mohitram Kerketta) और बेटे समेत 10 लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। आरोप है कि केरकेट्टा ने बिलासपुर में ईसाई कब्रिस्तान के नाम दर्ज जमीन के राजस्व रिकॉर्ड में कूटरचना और षडयंत्र कर खरीद-बिक्री की। कोर्ट के आदेश के बाद सिविल लाइन पुलिस ने मामला दर्ज किया।

दरअसल, 2018 में चुनाव जीतकर विधायक बने मोहितराम (Mohitram Kerketta) को मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन और विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। आरोप है कि मोहितराम ने पद का दुरुपयोग कर बिलासपुर में कुदुदंड के चर्च ऑफ क्राइस्ट मिशन इन इंडिया के कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज करीब एक एकड़ जमीन की खरीदी अपने बेटे शंकर केरकेट्‌टा के नाम पर की थी।

संस्था के कथित पदाधिकारियों ने तत्कालीन विधायक मोहितराम केरकेट्टा और उनके बेटे के पास एक एकड़ जमीन का सौदा 99 लाख 22 हजार 500 रुपए में किया। इसमें गवाह संस्था के वाहन चालक अरुण टोप्पो को बनाया गया। बेची गई जमीन संस्था के रिकॉर्ड में ईसाई कब्रिस्तान के रूप में दर्ज है।

इसके अलावा पहले चले न्यायिक मामले में भी जमीन को कब्रिस्तान बताया गया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि जमीन की कीमत करीब पांच करोड़ रुपए है। जिसका सौदा भी इसी मूल्य पर किया गया है।

आपसी सौदे में जमीन की कीमत 99 लाख रुपए बताकर बाकी के पैसों का बंदरबाट किया गया है, जबकि संस्था के सदस्यों को कब्रिस्तान की जमीन बेचने का अधिकार नहीं है और न हीं क्रेता को भी कब्रिस्तान की जमीन खरीदने का अधिकार है।

विद्यानगर निवासी आलोक विल्सन ने कूटरचना और षडयंत्र कर जमीन की धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से की थी। उन्होंने बताया था कि वे चर्च ऑफ क्राइस्ट मिशन इन इंडिया कुदुदंड के सदस्य हैं। संस्था के जरिए तीन राज्यों में धार्मिक, शैक्षणिक और ट्रेनिंग स्कूलों का संचालन किया जाता है।

संस्था के पदाधिकारियों का हर तीन साल में चुनाव होता है। चुने हुए सदस्यों की जानकारी पंजीयक फर्म्स और संस्थाएं को दी जाती है। साल 2009-10 के बाद से संस्था का चुनाव नहीं हुआ है।

उन्होंने कब्रिस्तान की जमीन के रिकॉर्ड में कूटरचना, षडयंत्र कर गलत तरीके से बेचने पर कार्रवाई करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर आलोक ने कोर्ट में परिवाद दायर कर दिया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश दिया।