राजस्थान . एक स्थानीय आंदोलन के कारण छत्तीसगढ़ की खदान से राजस्थान को कोयले की आपूर्ति बंद हो गई है। इस वजह से राज्य में बढ़ती बिजली मांग को पूरा करना और चुनौतीपूर्ण हो गया है। एक स्थानीय आंदोलन के कारण छत्तीसगढ़ की खदान से राजस्थान को कोयले की आपूर्ति बंद हो गई है। इस वजह से राज्य में बढ़ती बिजली मांग को पूरा करना और चुनौतीपूर्ण हो गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजस्थान उत्पादन निगम को प्रतिदिन मिलने वाले नौ रैक्स की संख्या में कमी आई है। यह कमी बिजली उत्पादन के लिए मिलने वाले कुल कोयले का लगभग 40 प्रतिशत है। प्रमुख सचिव (ऊर्जा) और डिस्कॉम के चेयरमैम भास्कर ए सावंत ने बताया कि मानसून का दौर धीमा पड़ने और तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए आगामी अक्टूबर माह में राज्य में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ी हुई मांग और भी चुनौतीपूर्ण इसलिए हो रही है, क्योंकि छत्तीसगढ की पीईकेबी खान से मिलने वाले कोयले की आपूर्ति, वहां स्थानीय आंदोलन के कारण बंद हो गई है।
रैक्स की संख्या में प्रतिदिन नौ की कमी : इस वजह से राजस्थान उत्पादन निगम को मिलने वाले रैक्स की संख्या में प्रतिदिन नौ की कमी हुई है। यह कमी बिजली उत्पादन के लिए मिलने वाले कुल कोयले का लगभग 40 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में राज्यों में बिजली आपूर्ति सुचारू रखने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय किया गया है। इसके तहत पहला कदम कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड से अनुबंधित 380 मेगावाट बिजली आपूर्ति फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह आपूर्ति भारत सरकार द्वारा तय दर पर होगी।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन से हुई चर्चा : दूसरा उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों से प्राप्त पॉवर बैंकिंग के प्रस्ताव के अनुसार नवम्बर 2022 से मार्च 2023 तक प्रतिदिन 1000 मेगावाट से 1500 मेगावाट तक बिजली ‘बैंकिंग व्यवस्था’ के आधार पर लेने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के साथ वार्ता कर उसे अंतिम रूप दिया गया है।