Tuesday, February 4, 2025
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Upa Vs Modi : यूपीए से मोदी सरकार ने तीन गुना ज्यादा छत्तीसगढ़ को मनरेगा के तहत दिए फंड

Manrega News : केंद्र की मोदी सरकार दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगारपरक योजना मनरेगा  पर पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार (Upa Vs Modi) के कार्यकाल की तुलना में छत्तीसगढ़ को हर साल ज्यादा फंड दे रही है, जिससे रोजगार भी पहले से ज्यादा मिल रहा है। प्रदेश के कांग्रेस नेता केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव करने और मनरेगा की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हैं। जबकि आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ को यूपीए सरकार की तुलना में मोदी गर्वमेंट से तीन गुना ज्यादा फंड दिए।

वर्ष 2004-05 में जब केंद्र में यूपीए यानि मनमोहन सिंह की सरकार (Upa Vs Modi) थीं। इस वक्त 2007-08 में छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार (Upa Vs Modi) थी, तब केंद्र से छत्तीसगढ़ को मनरेगा के तहत महज 1161 करोड़ रुपए मिले थे। एक साल बाद 2008-09 में केंद्र ने छत्तीसगढ़ को इस योजना के लिए ज्यादा फंड दिए, लेकिन अगले साल इसकी धनराशि आधी कर दी गई और 2009-10 में महज 814 करोड़ रुपए मिले। लेकिन 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आ गई। फिर मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ में मनरेगा का बजट बढ़ाना शुरू कर दिया, जिससे रोजगार भी बढ़ना शुरू हुआ और प्रदेश से पलायन भी कम हुए।

अब तीन गुना ज्यादा मिल रहे पैसे :  आंकड़े बता दें कि छत्तीसगढ़ की सत्ता में बीजेपी हो या कांग्रेस केंद्र में मोदी सरकार (Upa Vs Modi) आने के बाद लगातार इस योजना की फंडिंग में बढ़ोतरी हुई है। 2014-15 में मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को 1505.70 करोड़ रुपए दिए थे। जबकि 2021-22 में 4031. 22 करोड़ रुपए दिए। यह योजना गरीबों के लिए मददगार साबित हो रही है। गांव में ही रोजगार मिलना गरीब मजदूरों को संजीवनी मिलना जैसा है। बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना देश भर के ग्रामीण परिवार को हर वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का वेतन आधारित रोजगार प्रदान करती है। छत्तीसगढ़ के मनरेगा मजदूरी को 221 रुपए की दर से वर्तमान में भुगतान हो रहा है।

 

यूपीए और मोदी सरकार द्वारा छग को मनरेगा के तहत जारी फंड

वर्ष                                      जारी फंड (करोड़ रुपए)

2007-2008                         1161

2008-2009                         1632

2009-10                            814

2010-11                           …..

2011-12                            1638

2012-13                        ……..

2013-14                       1446

2014-15                       1505.70

2015-16                       1063.41

2016-17                      2231.93

2017-18                     2898.85

2018-19                      3082.93

2019-20                     2792.40

2020-21                     4144.19

2021-22                     4031.22

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