Tuesday, February 4, 2025
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Sahu Samaj : जन्म दिन पर केक, शादी में जूता चुराई और प्री वेडिंग शूट बंद, फैसले न मानने पर चुकानी होगी ये कीमत

Chhattisgarh News : बच्चे का जन्मदिन हो तो भूलकर भी केक का ऑर्डर मत करिएगा…, घर में किसी की शादी हो और प्री-वेडिंग फोटो-शूट कराने का दिल करे, तो एक बार सोच लीजिएगा…, क्योंकि ऐसा करने से हो सकता है आपके समाज से जुड़े लोग नाराज हो जाएं और आपको सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ जाए. जी हां, ये हम नहीं कह रहे, बल्कि छत्तीसगढ़ के धमतरी में साहू समाज (Sahu Samaj) के संगठन ने यह निर्णय लिया है.

साहू समाज (Sahu Samaj) संघ का मानना है कि पश्चिमी संस्कृति के बहकावे में आकर लोग जन्मदिन पर केक काटने या प्री-वेडिंग फोटो शूट जैसे काम करने लगे हैं. यह सनातन संस्कृति का रिवाज नहीं है. इसलिए समाज ने जनहित में ऐसे कई नियम बनाए हैं, जो साहू समाज से जुड़े लोगों पर कड़ाई से लागू किए जाएंगे.

धमतरी जिला साहू समाज (Sahu Samaj)  के नए नियमों के मुताबिक अब शादी में जूते चुराने या छुपाने की रस्म नहीं हो सकेगी. यही नहीं, आजकल शहरों या महानगरों में विवाह से पहले प्री-वेडिंग फोटो-शूट का जो चलन शुरू हुआ है, साहू समाज से जुड़े लोग अब ऐसा नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा घरों में बच्चों के जन्मदिन पर केक काटने जैसे उत्सव पर भी बैन लगा दिया गया है. धमतरी जिला साहू समाज संघ ने कई ऐसे प्रचलित रिवाजों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो आम हो चले हैं या सालों से जिन्हें हम देखते-सुनते आए हैं. साहू समाज ने निर्णय लिया है कि इन फैसलों को न मानने या इनके खिलाफ जाने वालों को समाज से बाहर कर दिया जाएगा.

साहू समाज की बैठक में लिए गए फैसले
धमतरी जिला साहू समाज (Sahu Samaj) के इन निर्णयों पर समाज के लोग कैसी प्रतिक्रिया देते हैं, यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन संगठन से जुड़े लोग इसे गंभीरता से लागू कराने का दावा कर रहे हैं. जिला साहू संघ के सचिव यशवंत साहू ने न्यूज 18 के साथ बातचीत में यह बात कही. यशवंत साहू ने कहा कि साल 1964 में साहू समाज की ओर से कुछ सामाजिक नियम तय किए गए थे. पिछले कुछ वर्षों में इन नियमों को लोगों ने मानना बंद कर दिया था. दोबारा से इन्हीं नियमों को लागू कराने का प्रयास किया जा रहा है.

मृत्युभोज पर भी प्रतिबंध
धमतरी जिला साहू समाज (Sahu Samaj) के मुताबिक कई ऐसे रिवाजों पर भी बैन लगाया गया है, जो लोगों के लिए असहज स्थिति पैदा करते हैं. यशवंत साहू ने बताया कि समाज के किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनके नाते-रिश्तेदारों के इंतजार में कई घंटे बिताए जाते हैं, इस पर भी संघ ने नया नियम बनाया है. इसके तहत अब तयशुदा समय में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. लंबे समय तक नाते-रिश्तेदारों का इंतजार नहीं किया जाएगा. इसके अलावा मृत्युभोज और विधवाओं के साथ होने वाले असहज रिवाजों को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है. साहू समाज के नेताओं ने बताया कि ये बदलाव नहीं है, बल्कि पहले से तय सामाजिक नियम तय को वापस ठीक से लागू करवाने की शुरुआत है. नए प्रतिबंधों को जो भी तोड़ेगा उस पर सामाजिक स्तर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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