रायपुर. छत्तीसगढ़ में शिक्षा के प्रचार-प्रसार को लेकर शासन स्तर पर लगातार नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शाला त्याग चुके बच्चों को पुनः मुख्यधारा में लाना चुनौती रहा है। ऐसे में शाला त्यागी बच्चों के लिए मेंटर्स का निर्धारण भी किया गया है, जो स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूलों में दाखिला लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और उन्हें स्कूलों तक ला रहे हैं। शासन के इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। बीते दो वर्षों के आंकड़ों को देखें तो शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रारंभिक स्तर में 27,695 शाला त्यागी बच्चे चिन्हित किये गये थे, जिनमें से कुल 26,074 (94.15 प्रतिशत) बच्चों को फिर से स्कूलों तक लाने में सफलता मिली। इसी प्रकार शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रारंभिक स्तर में 13,737 शाला त्यागी बच्चे चिन्हित किये गये थे, जिनमें से अब तक कुल 11,944 (86.95 प्रतिशत) बच्चों को मुख्यधारा में लाया गया है। वहीं सेकेण्डरी स्तर के शाला त्यागी बच्चों को ओपन स्कूल के माध्यम से परीक्षा दिलवायी जाती है। इसमें शैक्षणिक सत्र 2021-22 में कुल 27,083 एवं शैक्षणिक सत्र 2022-23 में 18,948 बच्चे ओपन स्कूल के माध्यम से 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में शामिल हुए। कुछ शाला त्यागी बच्चे ऐसे होते हैं, जिनके प्रवेश पश्चात आयु अनुरूप कक्षा में समायोजित नहीं हो पाते है, ऐसे बच्चों को विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से उनकी आयु के अनुरूप दक्षता प्राप्त कर शिक्षा की मुख्यधारा में लाया जा रहा है।