सरकार के आंकड़े बयां कर रहे पांच सालों में सिंचाई परियोजना पर कोई काम नहीं हुआ!
रायपुर। छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां कि किसान खेती किसानी पर ही निर्भर हैं। राज्य की कृषि भूमि का बड़ा हिस्सा सिंचाई के लिए मुख्यतः वर्षा पर निर्भर है। जबकि कृषि क्षेत्र का लगभग 38.20% सिंचाई के अन्तर्गत आता है। 57.39% हिस्सा नहरों के अन्तर्गत आता है। सिंचाई की दृष्टि से द्वितीय स्थान नलकूप का है। मतलब मूल रूप से मानसूनी बारिश और अपने निजी साधन पर कृषि करने के लिए न सिर्फ आधारित है, बल्कि मजबूर भी हैं। बारिश अच्छी होने से फसलें अच्छी होती है, लेकिन पानी कम गिरने के कारण फसलें खराब भी हो रही है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा।
सरकार किसानों के लिए बहुत काम करने के दावे तो करती है, पर सिंचाई के क्षेत्र में 10 प्रतिशत काम भी पिछले पांच सालों में नहीं हुए। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि सरकार के आंकड़े ही खुद बयां कर रहे हैं। पिछले 20 सालों में प्रदेश में महज सिंचाई सुविधाओं में मात्र 9 लाख हेक्टेयर रकबा ही बढ़ पाया है। सरकार के सिंचाई विभाग से मिले आंकड़े पर गौर करें तो 2003 में प्रदेश में कुल सिंचाई क्षमता 13.28 लाख हेक्टेयर सिंचित था। जबकि 2023 तक 21. 49 लाख हेक्टेयर ही सिंचित रकबा है।
पूर्ववर्ती सरकार के काम भी आगे नहीं बढ़ा सकी सरकार : प्रदेश में सिंचाई संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए अब तक की गई कोशिशों का असर प्रदेश के किसी भी जिले में नहीं दिखाई दे रहा है। जबकि सरकार हर साल जल संसाधन और कृषि विभाग मिलकर प्रदेश में सिंचाई संसाधनों को बढ़ाने के नाम पर हजारों करोड़ रुपए खर्च करने का दावा कर रही है। सरकार का दावा है कि सिंचित रकबे को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि 2018 में पूर्ववर्ती रमन सरकार ने सिंचाई संसाधनों को बढ़ाने के लिए जो काम शुरू किया था उसे 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद इन पांच सालों में 10 प्रतिशत भी काम नहीं हुए।
केवल एनीकट का काम आगे बढ़ा सकी सरकार : सिंचाई विभाग से मिले आंंकड़े पर नजर डाले तो 2003 में सिंचाई के लिए वृहद परियोजना के नाम पर केवल 3 साधन उपलब्ध थे। जबकि 2018 में बढ़कर ये 8, 4 निर्माणाधीन थे। वहीं 2023 की स्थिति में वृहद सिंचाई परियोजना 8, निर्माणाधीन 4 ही है। मतलब कांग्रेस शासन के कार्यकाल में इस पर कोई नहीं हुआ। इसी तरह मध्यम सिंचाई परियोजना 2003 में मात्र 29 थे, जो 2018 में 38 हो गई, 2023 में भी इतने ही है। इसी तरह लघु सिंचाई परियोजना 2003 में 1945 थे, जो 2018 में बढ़कर 2430 हो गए थे। जबकि निर्माणाधीन 3984 थे। वर्तमान में 2466 और 3984 निर्माणाधीन परियोजनाओं में से 333 पूर्ण किए गए। एनीकट की बात करें तो 2018 में 712 और निर्माणाधीन 141 थे। इस पर कांग्रेस सरकार के वर्तमान कार्यकाल में 170 नए एनीकट का काम किए गए।
किसानाें को क्या परेशानी : सिंचाई रकबे में बढ़ोतरी नहीं होने से सबसे अधिक नुकसान ग्रामीण किसानों को उठाना पड़ रहा है। सिंचाई सुविधा नहीं मिलने के चलते किसान खेती नहीं कर पाते हैं। किसानों को सिंचाई सुविधा देने के लिए सोलर पंप योजना चल रही है। लेकिन इस योजना का लाभ अब तक उम्मीद के मुताबिक नहीं मिल रहा है। जबकि सरकार दावा कर रही है नरवा, गरवा, भुरूवा और बारी योजना के तहत कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम किया जा रहा है, लेकिन सरकार अपनी ही आंकड़ों में घिरती नजर आ रही है कि किसानों के लिए सिंचाई सुविधा बढ़ाने पर कितना काम कर रही है।
सुरक्षा, बुनियादी ज्ञान और बेहतर जीवनशैली में पिछड़ा छत्तीसगढ़, देश में 28वीं रैंक
रायपुर। बेहतर जीवनशैली, मूलभूत आवश्यकता, सुरक्षा, शिक्षा, बुनियादी ज्ञान में भी छत्तीसगढ़ के हालत परेशान करने वाले हैं। क्योंकि देश में छत्तीसगढ़ मेघालय, त्रिपुरा, तेलंगाना जैसे छोटे राज्यों के बाद 28वीं पायदान पर खड़ा है। बता दें कि केन्द्र सरकार की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है। राज्यों व जिलों में लोगों की मूलभूत आवश्यकता पर केन्द्र सरकार और इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पटीटिवनेस एंड सोशल प्रोग्रेस इम्परेटिव ने मिलकर यह रिपोर्ट कुछ महीने पहले तैयार की थी। रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसे प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद को सौंपी गई। इसके लिए सामाजिक स्तर से जुड़े 89 पैरामीटर्स पर देश के सभी राज्यों की स्थिति देखी गई और सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई स्कोर) जारी किया। इसमें 28 राज्य व 8 केंद्र शासित प्रदेश शामिल थे। इनमें छत्तीसगढ़ को 51.36 अंक मिले।
1. मूलभूत मानवीय आवश्यकताएं
– पोषण और आधारभूत चिकित्सा देखभाल
– जल और स्वच्छता
– व्यक्तिगत सुरक्षा
– आश्रय (शेल्टर)
2. बेहतर जीनवशैली का आधार
– बुनियादी ज्ञान तक पहुंच
– सूचना और संचार तक पहुंच
– स्वास्थ्य और वेलनेस
– पर्यावरणीय गुणवत्ता
– व्यक्तिगत अधिकार
– व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद
– समग्रता
– एडवांस शिक्षा तक पहुंच
मुख्य पैरामीटर्स पर छत्तीसगढ़ को मिले अंक
पैरामीटर अंक
मूलभूत आवश्यकता 48.90
बेहतर जीनवशैली 50.29
अवसर की स्थिति 54.87
व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद 66.92
पर्यावरणीय गुणवत्ता 57.11
शिक्षा तक पहुंच 30.68
