एनएच पर खुलेआम कब्जा कर रहे भू माफिया, कुंभकर्णी नींद में सो रहे अफसर! 

खरसिया। शहरों की फुटपाथ व शासकीय और नजूल जमीन पर कब्जा करना आम बात है, लेकिन अब भूमाफियाओं की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि नेशनल हाइवे (एनएच) पर खुलेआम कब्जा कर रहे हैं। वहीं शासन प्रशासन के अफसर कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं। एनएच में कब्जा करने का मामला रायगढ़ जिले के खरसिया का है। यहां एनएच 49 में मनमाने रूप से अतिक्रमण हो रहा है। जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग अब सिकुड़ता नजर आ रहा। इससे लोगों को आवाजाही में परेशानी होने लगी है।

सरकार द्वारा यातायत व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा कम समय पर गंतव्य स्थानों तक पहुंचने के उद्देश्य से एनएच का निर्माण कराया जाता है। वहीं दूसरी ओर नेशनल हाईवे से लगकर ईंट भट्ठे का कारोबार तीव्र गति से फल फूल रहा है तथा नेशनल हाईवे सड़क मार्ग किनारे होटल गुमटी एवं अन्य व्यवसाय भी अब खुलेआम होने लगी है। ईंट भट्‌ठे के मालिकों के द्वारा फ्लाईएश राखड़ सड़क के किनारे डंप कराया जाता है। जिससे मिश्रण बनाकर ईंट्ट का निर्माण किया जाता है। फ्लाईएश सड़क किनारे डंप होने से हवा में उड़ते रहता है। जिससे आवगमन करने वालों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह कई बार हादसों की वजह भी बनती है।

खरसिया के एनएच 49 में ग्राम बोतल्दा से जामझोर चोढा में आसानी से अतिक्रमण का हाल देखा जा सकता है। इन सड़कों पर रोजाना सरकारी अफसरों की आवाजाही होती है। बावजूद इसके इस अवैध कब्जा पर लगाम लगाने की जहमत कोई नहीं उठा रहा। यही नहीं, यहां बिजली चोरी भी खुलेआम हो रही। विद्युत पोल से हुकिंग कर बिजली चोरी को अंजाम दिया जा रहा। बिजली विभाग भी मूकदर्शक बना बैठा हुआ है।

ग्राम पंचायत बांसमुडा के आश्रित ग्राम जामझोर में एनएच सड़क गुजरी है। जहां नेशनल हाईवे की सड़क के दोनों तरफ रिक्त भूमि है जिसका सरकार द्वारा मुआवजा की राशि प्रभावित किसानों को दिया जा चुका है। ईंट भटठे के मालिकों द्वारा फ्लाई ऐश राखड़ सड़क के किनारे डंप कराकर स्टोर किया जाता रहा है। ईंट के गारे में मिश्रण कर ईंट का निर्माण कराया जाता है जिससे सड़क से गुजरने वालों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता रहता है और शासन प्रशासन तथा स्थानीय प्रबंधन का इस और ध्यान ना जाना समझ से परे हैं।

 

प्रशासनिक व राजनीतिक संरक्षण के बिना संभव नहीं : एनएच में जिस तरह से अतिक्रमण हो रहा है और अधिकारी मूकदर्शक बन बैठे हैं। इससे स्पष्ट है कि इतनी बड़ी हिमाकत भूमाफियाओं द्वारा बिना प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण के बिना संभव ही नहीं है। अगर स्थानीय नेता और अफसर इस मामले में संज्ञान नहीं लेंगे त