बिलासपुर। अनुकंपा नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट बिलासपुर ने छग राज्य ग्रामीण बैंक बागबहरा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अधिवक्ता अनादि शर्मा ने बताया कि संतोष सिन्हा के पिता छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक बागबाहरा, रायपुर में कार्यालय परिचर के पद पर पदस्थ थे। जिनकी मृत्यु 2 अप्रैल 2019 को हो गई थी। जिस पर संतोष सिन्हा ने अपने पिता के की जगह अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की थी। जिस पर संतोष सिन्हा का वर्ष 2021 में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए साक्षात्कार भी हुआ। इसके बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। बाद में बैंक द्वारा उन्हें बताया गया कि कार्यालय परिचर का पर स्वीकृत नहीं होने के कारण उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ नहीं दिया जा सकता। जबकि बैंक नें कई अन्य उम्मीदवारों को दूसरे पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ दिया और मौखिक तौर पर बैंक द्वारा संतोष को ग्रेजुएशन उपरान्त अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने का हवाला दिया था जिसके बाद संतोष ने वर्ष 2022 को बारहवी की परीक्षा पास की और कॉलेज में दाखिला भी लिया। जब संतोष नें बैंक को पत्र लिखकर अपनी आर्थिक परेशानी और ग्रेजुएशन में समय लगने की बात बताई तब बैंक नें जावाब में संतोष को 01/04/2024 तक स्नातक की पढ़ाई पूर्ण कर उससे सम्बंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की शर्त रख दी। इससे व्यथित होकर संतोष सिन्हा ने अपने अधिवक्ता अनादि शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई जस्टिस पी.पी. साहू के कोर्ट में हुई। संतोष सिन्हा की याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनादि शर्मा द्वारा तर्क दिया कि ग्रेजुएशन कि पढ़ाई को दिए गए अवधि में पूरा कर पाना याचिकर्ता के लिए संभव नहीं है। अधिवक्ता श्री शर्मा द्वारा कोर्ट को यह भी बताया गया कि पब्लिक सेक्टर बैंक में अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों में लिपिक संवर्ग और उप कर्मचारी संवर्ग पदों में अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ दिया दिया जाना संभव है। यह की दिवंगत सेवक के परिवार को एक मुश्त राशि नहीं देना और ना ही अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ देना, अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों के विपरीत है। उक्त तर्कों और अन्य तर्कों के आधार पर हाईकोर्ट नें छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष, क्षेत्रीय प्रबंधक रायपुर और शाखा प्रबंधक, बागबाहरा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।