Thursday, December 5, 2024

भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’, जानिए इस हेलीकॉप्टर की खासियत

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा हो गया है। भारतीय वायुसेना में सोमवार को स्वदेशी रूप से निर्मित 10 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल हो गए। भारत में ही विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर का नाम ‘प्रचंडÓ रखा गया है। इन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों से भारतीय वायुसेना की ताकत पहले से और अधिक बढ़ गई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में जोधपुर में एक समारोह में हेलिकॉप्टरों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। राजस्थान के जोधपुर एयरबेस स्टेशन से राजनाथ सिंह ने प्रचंड (हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर) से उड़ान भी भरी। शुभारंभ के अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को शामिल करने से हमारी सेना की क्षमता बढ़ेगी। इससे रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नवरात्र के दिनों में योद्धाओं की भूमि राजस्थान में एलसीएच को शामिल करने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था। राजनाथ ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो रक्षा उत्पादन में भारत की क्षमता को दर्शाता है। वहीं वायुसेना प्रमुख चौधरी ने कहा कि एलसीएच को शामिल करना वायुसेना को एक अनूठी क्षमता प्रदान करता है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हेलिकॉप्टरों ने हिमालयी क्षेत्र में खुद को साबित किया है।

ads1

प्रचंडÓ से जुड़ी पांच बड़ी बातें
1. हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर यानी प्रचंड में दो जुड़वां इंजन हैं। इन ट्विन इंजन का वंजन 5.8 टन है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और फ्रांसीसी इंजन- निर्माता सफरान के सहयोग से इसके इंजन को बनाया गया है।
2. प्रचंड हेलीकॉप्टर 70 मिमी रॉकेट सिस्टम और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है।
3. भारतीय वायुसेना में शामिल प्रचंड हेलीकॉप्टर हर मौसम में मुकाबला करने की क्षमता रखता है।
4. भारतीय वायुसेना का यह खास हेलीकॉप्टर दुश्मन की एयर डिफेंस को नष्ट और आतंकी गतिविधियों को पूरी तरह से खत्म करने की क्षमता रखता है।
5. सेना के इस हेलीकॉप्टर को ऊंचाई वाले बंकरों, जंगलों और शहरी क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान तैनात किया जा सकता है।

प्रचंड में ये भी हैं खासियत : सेना का प्लान है कि वो अभी 95 हल्के हमलावर हेलिकॉप्टर और खरीदेगी। इन्हें सात यूनिटों में सात पहाड़ी बेस पर तैनात किया जाएगा। लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स में दो लोग बैठ सकते हैं. 51.10 फ ीट लंबे हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 15.5 फ ीट है। इसका वजन 5800 किलोग्राम है। यह 268 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। कॉम्बैट रेंज 550 किलोमीटर है. यह एक बार में लगातार सवा तीन घंटे उड़ सकता है. इस हेलिकॉप्टर को ध्रुव हेलिकॉप्टरों से विकसित किया गया है. इस हेलिकॉप्टर की जरुरत 1999 में करगिल युद्ध के दौरान महसूस हुई थी। इस हेलिकॉप्टर में लगे अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम से दुश्मन न तो छिप सकता है, न ही इसपर हमला कर सकता है। क्योंकि ये सिस्टम इस हेलिकॉप्टर को मिसाइल का टारगेट बनते ही सूचना दे देते हैं। इसके अलावा राडार एंड लेजर वॉर्निंग सिस्टम लगा है। साथ ही शैफ और फ्लेयर डिस्पेंसर भी हैं, ताकि दुश्मन के मिसाइल और रॉकेटों को हवा में ध्वस्त किया जा सके।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

Most Popular